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डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में 7 दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शुरू, सीमांत किसानों को मिलेगा लाभ

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में मशरूम अनुसंधान उत्कृष्टता केंद्र द्वारा सात दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शुरू. कुलपति डॉ. पी.एस. पांडेय ने कहा, मशरूम खेती सीमांत किसानों के लिए लाभकारी. बिहार, झारखंड, उड़ीसा, गोवा में मशरूम उत्पादन को बढ़ावा.

फार्मर द जर्नलिस्ट
Mushroom Training Program
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में 7 दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण शुरू

डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के एडवांस सेंटर आफ मशरूम रिसर्च "मशरूम अनुसंधान उत्कृष्टता केंद्र" की ओर से 7 दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. यह प्रशिक्षण 23 जून से 29 जून तक दुधिया, पुवाल मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण विषय पर आयोजित किया जाएगा.

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए कुलपति डॉ. पी.एस.पांडेय ने कहा कि मशरूम की खेती बिना खेत के छोटे से कमरे में की जा सकती है. बिहार में और अन्य राज्यों में सीमांत किसानों के लिए मशरूम की खेती एक अच्छा विकल्प है. इसका व्यवसायिक स्तर पर भी उत्पादन किया जा सकता है और अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने बिहार के अतिरिक्त झारखंड, उड़ीसा और गोवा में भी मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वृहत कार्यक्रम चला रहा है जिसका परिणाम भी अब दिखाई दे रहा है और वहां की सरकार भी विश्वविद्यालय की कार्ययोजना की सराहना कर रही है.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पूरे देश में मशरूम क्रांति लाने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रयासों से बिहार देश में मशरूम उत्पादन में पहले स्थान पर है. उन्होंने मशरूम वैज्ञानिक डॉ दयाराम की सराहना की. डॉ पांडेय ने युवाओं से मशरूम और उससे संबंधित क्षेत्रों में उद्यमी बनने का आग्रह किया और उसके विभिन्न उपायों पर भी चर्चा की.

निदेशक अनुसंधान डॉ ए के सिंह ने कहा कि कुलपति डॉ पांडेय के निर्देश पर विश्वविद्यालय में मशरूम का एक नया प्रोडक्ट भी बनाया गया है जो बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है और बच्चे इसे चाव से खायेंगे. उन्होंने कहा कि तकनीकी जरूरतो को पूरा करने के बाद इसे जल्द ही रिलीज किया जाएगा.

निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ मयंक राय ने कहा कि इस प्रशिक्षण में बिहार और उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त उड़ीसा से भी लोग शिरकत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मशरूम प्रशिक्षण के लिए काफी लोग उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि मशरूम की मांग देश और दुनिया में बढ़ रही है और यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत है.

कार्यक्रम के दौरान डॉ दयाराम ने मशरूम उत्पादन के विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. धन्यवाद ज्ञापन डॉ रत्नेश झा ने किया. कार्यक्रम के दौरान डॉ रामप्रवेश प्रसाद, डॉ सुधा नंदिनी, डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न शिक्षक, वैज्ञानिक एवं पदाधिकारी उपस्थित रहे.

लेखक: रामजी कुमार, FTJ, बिहार

English Summary: Mushroom production training starts at dr rajendra prasad central agricultural university promote commercial farming for small farmers Published on: 24 June 2025, 05:31 PM IST

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