कपास बीज निर्माता कंपनी मॉनसेंटो के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में जीएम कपास बीज की मंजूरी के लिए दरवाजा खटखटाया है। दरअसल पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने कंपनी द्वारा बनाए जा कपास के जीएम बीजों के पेटेंट के खिलाफ निर्णय दिया गया था। जिसके बाद कंपनी ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस फैसले के खिलाफ जाने का निर्णय किया है। उल्लेखनीय है कि नुज़ीविडु सीड्स लिमिटेड की उस बात से सहमति जताई थी कि मॉनसेंटो को देश में कपास के जीएम बीज के पेटेंट के लिए इंडिया पेटेंट एक्ट अनुमति नहीं देता है।
हालांकि इस बीच नुज़ीविडु सीड्स लिमिटेड कंपनी सिक्रेटरी मुरली कृष्णा ने कहा कि वह अपनी बात पर अड़े रहेंगे कि देश में कृषि उत्पादों एवं बीज पर पेटेंट नहीं दाखिल किया जा सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र ने 2003 एवं 2006 में मॉनसेंटो को जीएम बीज को मंजूरी दी थी। जिसका व्यापक स्तर पर प्रयोग हुआ था। लगभग 90 प्रतिशत कपास के रकबे में मॉनसेंटो ने अपना असर बनाया था लेकिन कुछ वर्षों से नुज़ीविडु सीड्स के साथ कंपनी विवादों में घिरी हुई है।
तो वहीं दूसरी ओर कुछ बीज कंपनियों जैसे राशि सीड्स, श्रीराम बायो जेनेटिक्स इंडिया लिमिटेड ने जीएम बीज को अनुमति न दिए जाने से निराशा जताई है। राशि सीड्स के चैयरमैन एम रामासामी ने कहा है कि हमने इन परिस्थितियों में कंपनी के शोध खर्च में कमी करने का फैसला किया है। जबकि श्रीराम बायोजेनेटिक्स इंडिया लिमिटेड के शोध प्रमुख परेश वर्मा ने कहा है कि कंपनियों के अनुसंधान कार्य में गिरावट शुरु हो गई है।
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