प्रशासन इस बार पराली जलाने वाले किसानों पर सेटेलाइट से नजर रखेगा। जहां भी पराली जलती हुई नजर आएगी, उसी खेत के मालिक पर केस दर्ज करवा दिया जाएगा। बार-बार किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली से बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। कृषि विभाग से लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी पराली जलाने वालों की निगरानी करेंगे। इसके अलावा पटवारी और सरपंचों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
गौरतलब है कि सिरसा में भी पिछली बार 50 से अधिक किसानों पर पराली जलाने के आरोप में केस दर्ज किए गए थे। राजस्व विभाग द्वारा कई किसानों पर जुर्माना भी लगाया गया था। हालांकि प्रशासनिक स्तर पर पराली नहीं जलाने को लेकर बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलते हैं. हालांकि किसानों का कहना है कि पराली जलाना उनकी मजबूरी है। अगर उन्हें बेहतर विकल्प मिल जाए तो वे पराली नहीं जलाएंगे।
- दीपशिखा सिंह
Share your comments