आजकल आपने बंजर जमीन को खेती के लिए उपयोग कर बेहतर उत्पादन हासिल करने की कहानी जरूर सुनी होंगी। झारखंड में बंजर जमीन पर ताइवान के पपीते की किस्म रेड लेडी और भगवा किस्म का अनार खूब उत्पादित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि यहां जैविक खेती की जा रही है। राज्य के धनबाद में लखियाबाद गांव में आज 34 एकड़ में इस दौरान फल और सब्जी की खेती की जा रही है।
इलाके कृषि विज्ञान केंद्र बलियापुर एवं जिले के उद्दान विभाग के वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी दी साथ ही किस्में उपलब्ध भी कराई। आज के समय वहां अच्छी खासी खेती की जा रही है। साथ ही सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन के लिए सौर उर्जा से चलने वाला सिस्टम भी लगाया गया। वैज्ञानिकों के निर्देशानुसार किसानों ने खेती में मिश्रित खेती शुरु किया। फसल को कीटों से बचाने के लिए नीले रंग का फ्लैग इस्तेमाल किया गया। गौरतलब है कि यह फेरोमैन ट्रैप, फनल ट्रैप की तरह चिपकने वाले पदार्थ की सहायता से कीटों को आकर्षित करने में सहायता करते हैं।
बताते हैं कि इस जमीन पर इससे पहले कोई खेती नहीं हुई लेकिन पेटसी नामक संस्था के प्रयास के चलते वैज्ञानिक खेती के गुर समझाए गए। जिसके फलस्वरूप कुछ किसानों ने विशेषज्ञों की सलाह मानते हुए खेती करना स्वीकार की लेकिन इस बीच खेती में पूंजी निवेश की समस्या किसानों के सामने आई। जिसके लिए कुछ लोगों ने किसानों के लिए पानी आदि के लिए पैसा देना स्वीकार किया जिससे खेती शुरु की गई और यह फैसला किया गया कि खेती के लाभ में से निवेशकों की भी हिस्सेदारी निकाली जाएगी।
आज लखियाबाद में सब्जी के साथ-साथ पपीता, अनार आदि फलों की खेती बड़े ही हाइटेक स्वरूप में की जा रही है।
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