कहते हैं कि किसी कार्य को करने के प्रति मेहनत व जज्बा मुकाम हासिल करवा कर ही रहता है, मीराबाई चानू की लगन व मेहनत की बदौलत भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में पहला गोल्ड मैडल हासिल हुआ. मीराबाई को गोल्ड मैडल मिलने से उनके परिवार व पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में मीराबाई चानू ने जीता स्वर्ण पदक
मीराबाई चानू ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शनिवार को बर्मिंघम में महिलाओं की 49 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक भारत के नाम किया. 27 वर्षीय चानू ने स्वर्ण जीतने के लिए 201 किलोग्राम का संयुक्त वजन उठाया. इन खेलों में यह भारत का पहला स्वर्ण पदक था. इससे पहले संकेत महादेव सरगर ने पुरुषों के 55 किग्रा वर्ग में रजत पदक के साथ भारत को पहला पदक दिलाया था. फिर, गुरुराजा पुजारी ने पुरुषों के 61 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया.
मीराबाई चानू का खेल इतिहास
मीराबाई चानू देश को पहले से ही गौर्वांवित करती आई हैं. बता दें कि इसके पहले भी वह कई पदक अपने नाम कर चुकी हैं. साल 2014 में मीरा बाई ने ग्लासगो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता था. साल 2016 के रियो ओलंपिक में मीराबाई पदक जीतने से महज एक कदम दूर रह गई थीं. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अगले ही साल 2017 में वर्ल्ड वेटलिफिंटिग चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड पदक जीतकर देश को गौर्वांवित किया. गोल्ड का सिलसिला चलता रहा तथा 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में फिर से देश में गोल्ड दिलवाया. साल 2021 के टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने रजत पदक हासिल किया और उसी साल एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में नया रिकार्ड अपने नाम किया.
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कौन है मीराबाई चानू
मीराबाई चानू वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं. उनका जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर की राजधानी इम्फाल में हुआ था. बचपन में उनकी रूचि तीरंदाजी में थी मगर कुछ समय बाद उनका झुकाव वेटलिफ्टिंग की तरफ बढ़ता गया. वेटलिफ्टिंग में रूचि इस कदर बड़ी की महज 11 साल की उम्र में उन्होंने एक लोकल वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
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