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MIONP: भारत में जैविक, प्राकृतिक और लाभकारी कृषि को लेकर ऐतिहासिक और क्रांतिकारी पहल

MIONP मिशन 2047 के तहत भारत को जैविक, प्राकृतिक और लाभदायक खेती की ओर ले जाने की पहल की जा रही है. इसका लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना, मिट्टी की उर्वरता बहाल करना और जैविक उत्पादों को बढ़ावा देना है. यह मिशन आधुनिक तकनीकों और पारंपरिक कृषि ज्ञान के समावेश से कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा.

विवेक कुमार राय
Make India Organic, Natural and Profitable MIONP
Make India Organic, Natural and Profitable (MIONP), Pic Credit: Krishi Jagran

MIONP (Make India Organic, Natural, and Profitable): हरित क्रांति के बाद से रासायनिक खादों, कीटनाशकों और हाइब्रिड बीजों के बढ़ते उपयोग ने कृषि उत्पादकता को तो बढ़ाया, लेकिन इससे आज के समय में मिट्टी की उर्वरता घट रही है, जल स्रोत दूषित हो रहे हैं और फसलों की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है. इससे न केवल खेती प्रभावित हो रही है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. खेती की लागत बढ़ रही है, लेकिन किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा. इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, भारत के सबसे बड़े एग्री-मीडिया नेटवर्क ‘कृषि जागरण’ ने एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी पहल शुरू की है.

यह अभियान भारतीय कृषि को सशक्त बनाने, किसानों की आय बढ़ाने और भारत को कृषि क्षेत्र में विश्वगुरु बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हम बात कर रहे हैं मिशन 2047: MIONP यानी "मेक इंडिया ऑर्गेनिक, नेचुरल एंड प्रॉफिटेबल" की। अब सवाल उठता है—यह मिशन क्या है और यह आवश्यक क्यों है?

MIONP क्या है?

'Make India Organic, Natural and Profitable' (MIONP) मिशन, महात्मा गांधी के जैविक खेती के विचारों से प्रेरित है, और इसे कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एम.सी. डोमिनिक ने आगे बढ़ाया है. कृषि जागरण द्वारा शुरू की गई इस ऐतिहासिक मुहिम में ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल है. यह पहल वैज्ञानिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से किसानों, वैज्ञानिक समुदाय, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और इनपुट प्रदाताओं के साथ मिलकर काम करेगी. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत को 2047 तक पूरी तरह जैविक और प्राकृतिक कृषि प्रणाली में परिवर्तित करना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो, मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हो और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके.

MIONP का उद्देश्य

MIONP (Make India Organic, Natural, and Profitable) पहल भारत को 2047 तक पूरी तरह जैविक, प्राकृतिक और लाभदायक कृषि प्रणाली में परिवर्तित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है. आधुनिक कृषि में अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और हाइब्रिड बीजों के उपयोग से किसानों को अल्पकालिक लाभ तो हुआ, लेकिन दीर्घकालिक रूप से इससे मिट्टी की उर्वरता में गिरावट, जल स्रोतों का दूषित होना, जैव विविधता का ह्रास और खेती की बढ़ती लागत जैसी समस्याएं उत्पन्न हुई हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए, MIONP मिशन किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ाने और कृषि को लाभदायक बनाने के लिए एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कार्ययोजना विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है.

इस मिशन के तहत फिलहाल 20 प्रमुख फसलों को जैविक खेती में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही, यह पहल पारंपरिक ज्ञान और नवीनतम तकनीकों को मिलाकर किसानों को अधिक उत्पादक और आत्मनिर्भर बनाएगी. यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) का समर्थन करने के साथ-साथ भारत के $1 ट्रिलियन कृषि निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक होगी.

जैविक और प्राकृतिक खेती क्यों जरूरी है?

  • मिट्टी की गुणवत्ता का सुधार

  • खाद्य सुरक्षा और पोषण स्तर को बढ़ाना

  • किसानों की लागत को कम करना और मुनाफे को बढ़ाना

  • रासायनिक अवशेषों के कारण होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को कम करना

  • जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय असंतुलन से निपटना

भारत और दुनिया में जैविक खेती का मौजूदा परिदृश्य

  • भारत में लगभग 40 लाख हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती की जा रही है, लेकिन यह कुल कृषि भूमि का मात्र 3% है.

  • सिक्किम पहला भारतीय राज्य है, जिसे पूरी तरह जैविक राज्य घोषित किया गया.

  • स्वीडन, डेनमार्क, और जर्मनी जैसे विकसित देश जैविक खेती में आगे बढ़ चुके हैं.

  • भारत के जैविक उत्पादों की मांग अमेरिका, यूरोप और जापान जैसे देशों में तेजी से बढ़ रही है.

MIONP के मुख्य फोकस क्षेत्र

  1. फार्म यार्ड खाद की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ाना

  2. मिट्टी की उर्वरता बहाल करना

  3. फसल उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार

  4. जल उपयोग में कमी और भूजल स्तर बहाली

  5. जैविक कीटनाशकों और प्राकृतिक रिपेलेंट्स को बढ़ावा देना

  6. डिजिटल तकनीक और सटीक खेती को अपनाना

  7. जैविक उत्पादों के लिए गुणवत्ता परीक्षण प्रणाली विकसित करना

  8. जैविक और देशी बीजों का संवर्धन

प्रस्तावित 20 प्रमुख फसलें

फील्ड फसलें:

  1. धान

  2. मक्का

  3. मूंगफली/सोयाबीन

  4. गेहूं

  5. सरसों

  6. तंबाकू

नकदी फसलें/सब्जियां:
7. गन्ना
8. कपास
9. केला
10. आलू
11. टमाटर
12. बैंगन
13. भिंडी
14. मिर्च/शिमला मिर्च
15. हल्दी/अदरक

बागवानी फसलें:
16. आम/लीची
17. संतरा/किन्नू
18. अनार
19. अमरूद
20. अंगूर

MIONP से किसानों को होने वाले लाभ

  • कम लागत: रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता घटने से उत्पादन लागत कम होगी.

  • बेहतर बाजार मूल्य: जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग से किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलेगा.

  • स्वास्थ्य लाभ: जैविक उत्पादों के सेवन से किसानों और उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य बेहतर होगा.

  • पर्यावरण संरक्षण: प्राकृतिक खेती से जल और भूमि प्रदूषण कम होगा तथा जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा.

  • निर्यात के अवसर: जैविक उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग किसानों की आय में वृद्धि करेगी.

  • कृषि क्षेत्र की स्थिरता: जैविक खेती से मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहेगी, जिससे कृषि उत्पादन लंबे समय तक टिकाऊ रहेगा.

  • सरकारी सहयोग: केंद्र और राज्य सरकारें जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी प्रदान कर रही हैं.

MIONP: 20-21 मार्च 2025 की ऐतिहासिक कार्यशाला

  • स्थान: NASC कॉम्प्लेक्स, ICAR, नई दिल्ली

  • प्रतिभागी: नीति निर्माता, वैज्ञानिक, किसान, कृषि उद्योग के विशेषज्ञ

  • मुख्य एजेंडा: जैविक खेती की दिशा में रोडमैप तैयार करना

ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि यह पहल भारत को 2047 तक वैश्विक जैविक कृषि बाजार में अग्रणी बनाने और किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक होगी. यदि सरकार, वैज्ञानिक समुदाय, किसान और उपभोक्ता मिलकर कार्य करें, तो MIONP अभियान को शीघ्र ही सफल बनाया जा सकता है और भारत जैविक कृषि में आत्मनिर्भर बन सकता है.

English Summary: MIONP revolutionary initiative by Krishi Jagran for organic, natural and profitable agriculture in India Published on: 12 March 2025, 11:54 AM IST

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