सरकार ने आज कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत धन के गलत इस्तेमाल, भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताओं से निपटने के लिए समय-समय पर 21 राज्यों और एक संघशासित प्रदेश में कामगारों के खाते में वेतन के सीधे अंतरण, ईएफएमएस, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, आधार पर आधारित भुगतान प्रणाली जैसे अनेक उपाय उठाए जाते रहे हैं। राज्य सभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राम कृपाल यादव ने कहा कि मनरेगा के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, इसलिए मंत्रालय को प्राप्त होने वाली सभी शिकायतें कानून के अनुसार, जांच सहित उचित कार्रवाई के लिए संबंधित राज्य सरकारों को भेज दी जाती हैं।
राम कृपाल यादव ने कहा कि मनरेगा योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उपाय किए गए हैं। सामाजिक लेखा परीक्षा, शिकायत निवारण व्यवस्था, राज्य गुणवत्ता निरीक्षक (एसक्यूएम),राष्ट्रीय स्तरीय निरीक्षक (एनएलएम) के प्रावधान हैं। इतना ही नहीं, सभी तरह के लेन-देन से संबंधित सूचना सार्वजनिक क्षेत्र (www.nrega.nic.in) में उपलब्ध हैं और कामगारों को भुगतान बैंक/डाक घर खाते के जरिए किए जाते हैं। फर्जी उपस्थिति को टालने और हाजिरी रजिस्टर में छेड़छाड़ या दुरूपयोग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए ई-मस्टर प्रणाली शुरू की गई है।
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