रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से कई बड़े देशों की कंपनियों को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है. इन्हीं में से एक भारतीय बाजार भी है, जिसे इस युद्ध से भारी नुकसान पहुंच रहा है. रूस के यूक्रेन देश पर हमला करने से कई देशों की कंपनियों ने अपनी हिस्सेदारी वापस लेने का भी फैसला लिया है. जिसे आने वाले समय में रूस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
आपको बता दें कि इस युद्ध के चलते कई कंपनियों ने रूस से आपने व्यापार को बंद कर दिया हैं. इन्हीं में से एक जीएम मोटर्स और अन्य ऑटो मेकर्स भी हैं. जिन्होंने रूस से अपने व्यापार को बंद करने का फैसला लिया है. वैसे देखा जाए तो मोटर्स और ऑटो मेकर्स का रूस में व्यापार इतना बड़ा नहीं हैं, लेकिन फिर भी इन्होंने इतना बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया.
क्यों किए कंपनियों ने अपने व्यापार बंद (why did companies close their business?)
जैसे की आप जानते है पिछले कुछ हफ़्तों से रूस की सेना ने यूक्रेन पर बड़ा हमला किया, जो कि एक द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा हमला है. जिसके कारण से कई पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगाया है. जिसके चलते से कई कंपनियों के व्यापार बंद हो गए है.
उधर, वहीं स्वीडिश ऑटोमेकर वोल्वो कार्स ने कहा कि रूस की इस हरकत के बाद हमारी कंपनी रूस के बाजार में कार के व्यापार को बंद कर रही है. इस तरह से अपनी कंपनी को बंद करने वाली स्वीडिश ऑटोमेकर वोल्वो कार्स व्यापार के बजार में पहली अंतरराष्ट्रीय ऑटोमेकर बन जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि हम अगले नोटिस तक रूस के बाजार में अपनी कोई कार व व्यापार नहीं करेंगे.
यह भी पढ़ेः रूस के हमले से दहल उठा यूक्रेन, पहले दिन ही 137 लोगों ने गवाई अपनी जान
बता दें कि यह कंपनी विश्व के कई देशों में अपने उत्पादों का आयात-निर्यात करती हैं. एक आंकड़े के मुताबिक वोल्वो ने रूस के बाजार में साल 2021 में लगभग 9 हजार से अधिक कारें बेची थी.
फॉक्सवैगन (Volkswagen)
फॉक्सवैगन ने भी सोमवार को यह ऐलान किया की जब तक कोई अगला कोई सही नोटिस नहीं आ जाता तब तक रूस के बाजार में कारों का आयात-निर्यात बंद रखा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के हट जाने के बाद हम फिर से रूस के बाजार में अपने बिजनेस को शुरू कर देंगे.
Share your comments