‘‘केन्द्रीय बजट, 2017 में ग्रामीण एवं संबद्ध क्षेत्रों पर पर्याप्त ध्यान दिया गया है जो बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। कृशि एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए कुल आवंटन 187223 करोड़ रुपए है जो गत वर्श की तुलना में 24 प्रतिषत अधिक है। यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है। सरकार ने कहा है कि वह 5 सालों में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री ने कृषि ऋण पर ब्याज दर को कम करने के लिए खेती को प्रोत्साहित करने जैसे कई उपायों की घोषणा की है। नोटबंदी के कारण कृशि क्षेत्र में हुए घाटे के मद्देनजर इन कदमों की बहुत अधिक आवष्यकता थी।’’
‘‘सरकार ने फसल बीमा योजना को 30 से बढ़ाकर 40 प्रतिषत कर दिया है और सरकार ने कृशि विज्ञान केन्द्रों में लघु प्रयोगषाला की स्थापना करने तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने जैसे उपायों का वायदा किया है। ये सभी स्वागत योग्य कदम हंै। लेकिन घोशणा की तुलना में कार्यान्वयन बहुत ही महत्वपूर्ण है। 5000 करोड़ रुपए के आरंभिक कोश के साथ एक समर्पित सूक्ष्म सिंचाई कोश की स्थापना किए जाने से देष में काफी बदलाव आयेगा जहां की कृशि काफी हद तक मानसून की वर्शा पर निर्भर करती है।’’
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