प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता में एक और अध्याय जोड़ते हुए अफ्रीकी देश केन्या ने भारतीय कृषि सुधारों के प्रति गंभीर रुचि जताई है. केन्या भारत की ही तर्ज पर कृषि ढांचा तैयार करना चाहता है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से लगातार बढ़ावा दिए जा रहे कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ) मॉडल और ई-वेयरहाउस रिसीप्ट प्रणाली (ईएनडब्ल्यूआर) सहित कृषि डेरिवेटिव्स व्यापार प्लेटफॉर्म शामिल हैं.
केन्या का एक उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडल पिछले सप्ताह भारत आया और उसने देश के अग्रणी कृषि डेरिवेटिव्स एक्सचेंज नेशनल कमोडिटीज एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) तथा उसकी सहयोगी कंपनियों नेशनल ई-रिपॉजिटरी लिमिटेड (एनईआरएल) एवं नेशनल कमोडिटी क्लियरिंग लिमिटेड (एनसीसीएल) के शीर्ष अधिकारियों से एक्सचेंज के मुख्यालय में भेंट की. उससे पहले एक्सचेंज ने भी प्रतिनिधिमंडल के सामने एफपीओ कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत प्रस्तुति रखी.
एनसीडीईएक्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अरुण रास्ते ने कहा, “एफपीओ को डेरिवेटिव्स प्लेटफॉर्म से जोड़कर मदद करने का हमें करीब एक दशक का अनुभव है. हम ई-एनडब्ल्यूआर प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्लेटफॉर्म पर उन्हें जोड़ने में भी शामिल रहे हैं, जिससे उन्हें एक ही स्थान पर समूचा कृषि बाजार बुनियादी ढांचा मिल जाता है. इसी व्यवस्था को केन्या में भी दोहराने के लिए हम वहां की सरकार की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि इसमें केन्या के कृषि क्षेत्र में क्रांति आ सकती है.“
उन्होंने कहा कि एनसीडीईएक्स केन्या के वेयरहाउस नियामक के साथ मिलकर काम करेगा ताकि भारत के कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) मॉडल और ई-वेयरहाउस रिसीप्ट प्रणाली को अपनाकर वहां भी कृषि क्षेत्र का सुधार किया जा सके.
एक्सचेंज ने केन्या के वेयरहाउस रिसीप्ट काउंसिल और इंडो एसएमई ग्लोबल चैंबर के वरिष्ठ अधिकारियों वाले प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में भी सहायता देने की पेशकश की. यह प्रतिनिधिमंडल एफपीओ तथा ई-एनडब्ल्यूआर व्यवस्थाओं का अध्ययन करने भारत आया है ताकि इससे केन्या की वेयरहाउस रिसीप्ट प्रणाली का विस्तार करने में मदद मिल सके.
एनसीडीईएक्स लगभग 12 लाख किसानों के 410 से भी अधिक एफपीओ को बाजार से जोड़कर कृषि विपणन सुधारों में अग्रणी बना हुआ है. एक्सचेंज के पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी एनसीडीईएक्स ई-रिपॉजिटरी लिमिटेड (एनईआरएल) देश की शीर्ष ई-रिपॉजिटरी है और इसके पास देश में इलेक्ट्रॉनिक नेगोशिएबल वेयरहाउस रिसीप्ट (ई-एनडब्ल्यूआर) प्रणाली लागू करने का अधिकार है.
केन्या की खास दिलचस्पी किसानों को जोड़ने की व्यवस्था में है, जिसे एनसीडीईएक्स ने पिछले कुछ वर्षों में एफपीओ के जरिये सफलतापूर्वक तैयार किया है. अपनी भारत यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने कई भंडारण और वेयरहाउस ढांचों का भी दौरा किया है ताकि उनकी जमा करने तथा गुणवत्ता संरक्षण की प्रणाली को समझा जा सके.
केन्या के प्रतिनिधमंडल की अगुआई कृषि मंत्रालय के मुख्य प्रशासनिक सचिव लॉरेंस ओमुहाका ने किया और उसमें डब्ल्यूआरएससी की चेयरपर्सन जेन मुंबी एनगिगे भी शामिल थीं. एनईआरएल के मुख्य कार्य अधिकारी केदार देशपांडे ने प्रतिनिधिमंडल को ई-एनडब्ल्यूआर प्रणाली के परिचालन और किसानों को इससे मिलने वाले फायदों जैसे सस्ता कर्ज और अधिक सुरक्षित तथा विनियमित भंडारण की सुविधा के बारे में बताया.
एनसीडीईएक्स के बारे में
एनसीडीईएक्स भारत का अग्रणी और पेशेवर प्रबंधन वाला कृषि जिंस एक्सचेंज है, जो कटाई के उपरांत समूची जिंस मूल्य श्रृंखला में सेवाएं प्रदान करता है. भारत के अग्रणी ऑनलाइन एक्सचेंज के रूप में एनसीडीईएक्स विभिन्न कृषि जिंसों में कई प्रकार के मानक उत्पाद उपलब्ध कराता है. एनसीडीईएक्स विक्रेताओं और खरीदारों को अपने इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के जरिये एक साथ ले आता है. एनसीडीईएक्स के प्रमुख निवेशकों में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर्स को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको), ओमान इंडिया जॉइंट इन्वेस्टमेंट फंड, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बिल्ड इंडिया कैपिटल एडवाइजर्स एलएलपी और इन्वेस्टकॉर्प प्राइवेट इक्विटी फंड 1 (पुराना नाम आईडीएफसी प्राइवेट इक्विटी फंड 3) शामिल हैं.
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