बाजार में दूध, दही और पनीर की मांग हमेशा बनी रहती है, इसलिए कहा जाता है कि किसी भी संकट में डेयरी सेक्टर मंदी का शिकार नहीं होता है. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा भी डेयरी फार्म लगाने बढ़ावा मिलता रहता है. बता दें कि सरकार की तरफ से डेयरी फार्म बिजनेस (Dairy Farm Business) की शुरुआत करने के लिए लोन मुहैया कराया जाता है. इसके लिए डेयरी उद्यमिता विकास योजना भी चलाई जा रही है.
इसका लक्ष्य है कि किसान और पशुपालक आसानी से डेयरी फार्म बिजनेस की शुरुआत कर पाएं, साथ ही अपनी आमदनी को दोगुना कर पाएं. बता दें कि बैंकों और एनबीएफसी संस्थाओं द्वारा डेयरी फार्म बिजनेस लोन मुख्य रूप से उपलब्ध कराया जाता है, जिसके जरिए किसान, डेयरी फार्म मालिक अपने बिजनेस को फाइनेंस करा सकते हैं.
डेयरी फार्म लोन देने वाला प्रमुख बैंक
अगर डेयरी फार्म लोन मुहैया करने में प्रमुख बैंक की बात की जाए, तो इसमें देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) का नाम शामिल है, जो कि डेयरी फार्म बिजनेस लोन मुहैया करवाता है.
डेयरी फार्म संबंधी लोन
- ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन सिस्टम के लिए अधिकतम 1 लाख रुपए का लोन
- मिल्क हाउस या सोसायटी ऑफिस के लिए न्यूनतम 2 लाख रुपए का लोन
- मिल्क ट्रांसपोर्ट व्हीकल के लिए अधिकतम 3 लाख रुपए का लोन
- चिलिंग यूनिट के लिए 4 लाख रुपए का लोन
लोन भुगतान की अवधि
डेयरी फार्म लोन के भुगतान की अवधि 6 महीने के स्टार्ट-अप के साथ 5 साल की तय की गई है. बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा मिनी डेयरी यूनिट के फाइनेंस की सुविधा उपलब्ध कराता है. इसके अलावा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा सेंट्रल डेयरी स्कीम चलाई जा रही है, जो कि लोन उपलब्ध कराती है. ध्यान दें कि डेयरी फार्म लोन स्कीम और उसके ब्याज की दर हर बैंक अपने अनुसार तय करता है.
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