महाराष्ट्र में किसानों की सरकार से नाराज़गी के फलस्वरूप निकाले गए मार्च के बाद भी किसान का दर्द थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब राज्य के बुलढाणा जिले के 11 गाँव के 91 किसानों ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। आखिर किस मुश्किल में है किसान जो एक तरफ इच्छा मृत्यु की मांग कर रहें हैं।
किसान को उत्पाद को बदले अच्छे दाम न मिलने की समस्या तो है लेकिन यहाँ मामला नया है अब मामला अमरावती से गुजरात की सीमा तक जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 पर निर्माण कार्य के दौरान किसानों को अधिग्रहित जमीन का सही मुआवजा न मिलने का है। किसानों की मानें तो उन्हें सरकार ने उचित मुआवजा नहीं दिया गया है।
किसान यह भी कह रहे हैं कि राज्य के कृषि मंत्री बुलढाणा से ही हैं लेकिन फिर भी किसानों की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। यहाँ अपनी आवाज़ उठाने के लिए किसान एक महीने से अनशन कर रहें हैं। ऐसे में किसानों ने अब राज्यपाल व राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है।
जाहिर है कि एक तरफ किसानों द्वारा मार्च, कभी कर्जमाफी के लिए प्रदर्शन, तो कभी आदिवासियों द्वारा आंदोलन इन सब के बीच महाराष्ट्र सरकार बुरी तरह फंस गई है लिहाजा सरकार की भी मुश्किलें कम नहीं हो रहीं है। फिलहाल किसी भी तरीके से किसानों एवं सरकार के बीच संतुलन की स्थिति नजर नहीं आ रही है।
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