केंद्र द्वारा महाराष्ट्र में सिंचाई की सुविधा के लिए तैयार कि जा रहे प्रोजेक्ट के लिए दो सौ बिलियन रुपए की मदद पर विचार किया जा रहा है। इसका उपयोग राज्य में उन इलाकों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा जो सूखाग्रस्त है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में सूखे के कारण किसान भारी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं। प्रोजेक्ट के लिए 75 प्रतिशत पैसा नाबार्ड की दीर्घावधि सिंचाई फंड के जरिए तथा शेष 25 प्रतिशत केंद्र के द्वारा दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में सिंचित क्षेत्र मात्र 18 प्रतिशत ही है जबकि देश में यह कुल 48 प्रतिशत तक है। राज्य के लातूर जैसे जिले सूखे की चपेट में हैं। जहां वर्षा पिछले सत्रों में बहुत कम दर्ज की गई है। राज्य सरकार द्वारा जिले में पीने के लिए जल उपलब्ध कराने के लिए जलदूत एक्सप्रेस चलानी पड़ी थी जिसके लिए 5.23 करोड़ रुपए खर्च वहन करना पड़ा था।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह विशेष पैकेज उन किसानों के लिए होगा जो सूखे की मार झेल रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के द्वारा सिंचाई की परियोजनाओं को पूरा किए जाने के लिए वित्तीय मदद की मांग थी जिसके मद्देनज़र इस पैकेज पर विचार किया जा रहा है।
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