1. Home
  2. ख़बरें

कड़कनाथ मुर्गे के बाद मध्यप्रदेश के इंदौरी पोहे को मिलेगा जीआई टैग

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित जिआग्राफिकल इंडेक्स रजिस्ट्री के सामने ऐतिहासिक प्रमाणों के साथ दावा पेश कर साबित किया जाता है तो इंदौर के मशहूर पोहे को जीआई टैग मिल सकता है. इस के साथ ही लौंग की सेव, खट्टा मीठा नमकीन और दूध से बनने वाली शिकंजी की जगह उन पारंपरिक पकवानों की सूची में पक्की हो सकती है जिन्हें भौगोलिक पहचान का पूरा टैग हासिल है. इंदौरी पोहा समेत पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के चार लजीज व्यंजनों को जीआई टैग दिलाने का बीड़ा इंदौर मिठाई, नमकीन विक्रेता व्यापारी संघ ने उठाया है. करोबारी संघ के अनुसार हम इंदौरी पोहा, लौंग की सेंव, खट्टा मीठा मिक्सचर और दूध से बनेन वाली शिकंजी को जीआई दिलाने के लिए सके स्थानीय इतिहास से जुड़े दस्तावेज को जमा कर रहे है. इसके बाद जिओग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री के सामने औपचारिक अर्जी को पेश करके चारों व्यंजन के लिए भौगोलिक पहचान के इस वैश्विक तमगे का दावा किया जाएगा.

किशन

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई स्थित जिआग्राफिकल इंडेक्स रजिस्ट्री के सामने ऐतिहासिक प्रमाणों के साथ दावा पेश कर साबित किया जाता है तो इंदौर के मशहूर पोहे को जीआई टैग मिल सकता है. इस के साथ ही लौंग की सेव, खट्टा मीठा नमकीन और दूध से बनने वाली शिकंजी की जगह उन पारंपरिक पकवानों की सूची में पक्की हो सकती है जिन्हें भौगोलिक पहचान का पूरा टैग हासिल है. इंदौरी पोहा समेत पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के चार लजीज व्यंजनों को जीआई टैग दिलाने का बीड़ा इंदौर मिठाई, नमकीन विक्रेता व्यापारी संघ ने उठाया है. करोबारी संघ के अनुसार हम इंदौरी पोहा, लौंग की सेंव, खट्टा मीठा मिक्सचर और दूध से बनेन वाली शिकंजी को जीआई दिलाने के लिए सके स्थानीय इतिहास से जुड़े दस्तावेज को जमा कर रहे है. इसके बाद जिओग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्री के सामने औपचारिक अर्जी को पेश करके चारों व्यंजन के लिए भौगोलिक पहचान के इस वैश्विक तमगे का दावा किया जाएगा.

नेहरू से लेकर अमिताभ बच्चन है दीवाने 

इंदौर के पोहे पूरी दुनिया में फेमस है. चाहे आम आदमी हो या फिर कोई खास हस्ती. हर कोई इंदौरी पोहे को लंबे समय से पसंद कर रहा है. हमारे पास बरसों पुरानी ऐसी तस्वीरें है जिसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू इंदौरी पौहे का लुफ्त उठाते नजर आ रहे है. इसके साथ ही मशहूर अदाकर और बिग बी के नाम से बॉलीवुड में जाने वाले अमिताभ बच्चन भी इंदौरी पोहे की लज्जत का अलग-अलग मौकों पर जिक्र कर चुके है.

maxresdefault

जीआई टैग की मिलने की प्रकिया लंबी

जानकारों का कहना है कि किसी भी व्यंजन पर जीआई टैग मिलना आसान नहीं होता है, पहचान के इस प्रतिष्ठित तमगे को हासिल करने के लिए आवेदनकर्ता को बेहद ही लंबी प्रक्रिया से गुजरना होता है उसके बाद ही पूरी जांच-परख के बाद व्यंजन को जीआई टैग दिया जाता है. भारत सरकार का  सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्मम विकास संस्थान, इंदौरी पोहा समेत चारों मालवी  व्यंजनों को जीआई तमगा दिलाने में इंदौर मिठाई नमकीन निर्माता विक्रेता व्यापारी संघ की मदद कर रहा है.

इन सभी डिश को मिल चुका जीआईटैग

वर्ष 2004 अप्रैल से लेकर अब तक जिन भारतीय पकवानों को खाद्य उत्पादों की श्रेणी में जीआई टैग मिला है उनमें धारवाड़ का पेड़ा ( कर्नाटक), तिरूपति का लड्डू (आंध्र प्रदेश), बीकानेरी भुजिया( राजस्थान), रतलामी सेंव ( मध्यप्रदेश), जयनगर का मोआ ( पश्चिम बंगाल), हैदराबादी हलीम ( तेलंगाना), वर्धमान का मिहिलाना (पश्चिम बंगाल), बंदर लड्डू (आंध्र प्रदेश), बंगाल रसगुल्ला ( पश्चिम बंगाल) शामिल है.

सम्बन्धित खबर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

कॉफी की इन पांच किस्मों को जीआई टैग मिला

English Summary: Madhya Pradesh Indore Pohe will now get a GI tag Published on: 19 July 2019, 05:38 PM IST

Like this article?

Hey! I am किशन. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News