कृषि विज्ञान केंद्र ने हाल ही में अपनी वार्षिक वैज्ञानिक सलाहकार समिति (SAC) की बैठक का आयोजन किया. जिसमें उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के तरीकों पर चर्चा की. बैठक में इस बात पर ख़ास ध्यान दिया गया कि किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे दिया जा सकता है.
28 फरवरी को कृषि विज्ञानं केंद्र उत्तरप्रदेश के शामली में वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक हुई. इस बैठक का संचालन डॉ. विकास कुमार के द्वारा किया गया. इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त निदेशक, प्रसार, स.ष.प कृषि विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा किया गया.
डॉ. गोपाल सिंह ने इस अवसर पर गन्ने की फसल के ऊपर अधिक प्रशिक्षण एवं सत फसली की खेती करने का सुझाव दिया. कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने पिछले वर्ष में केंद्र द्वारा किए जा रहे कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया और इसके साथ आने वाले वर्ष में करने वाले कार्यों के बारे में बताया. इसके साथ -साथ उन्होंने सम्मानित सदस्यों को कार्य योजना से सम्बंधित सुझाव दिए.
इसी क्रम से डॉ. एस.पी सिंह (शस्य वैज्ञानिक ) और डॉ. औंकार सिंह (उद्यान वैज्ञानिक ) द्वारा अपनी प्रगति और आगामी कार्य योजना पेश की गई. इस अवसर पर उप-कृषि निदेशक डॉ. शिव कुमार ने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाना चाहिए.
विश्वविद्यालय से डॉ. आर.के.नरेश (प्रद्यापक) सस्य विज्ञान द्वारा सुझाव दिया गया कि फसल अवशेष प्रबंधन पर जरूरी कार्य योजना बनाई जानी चाहिए.
डॉ. डी.के सिंह द्वारा पशुपालन के बारे में खनिज मिश्रण के प्रयोग पर जोर दिया गया. इस अवसर पर भूमि संरक्षण अधिकारी, पशु चिकित्सा, कृषि रक्षा अधिकारी और डी.डी.एम,नाबार्ड व प्रगतिशील कृषक श्री मुकेश कुमार, श्रीमति बबिता देवी एवं श्रीमती मालती देवी आदि सदस्यों द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए.
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