1. Home
  2. ख़बरें

कृषि विज्ञान केन्द्र उम्मीदों पर नही उतरे खरे

जिले की अन्य प्रयोगशालाओं में किसी में चार तो किसी में छह मिट्टी के तत्वों की जाँच होती है। आधुनिक और वैज्ञानिक जानकारी देने के उद्देश्य से जिलों में खुले कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे है। स्थिति यह है कि सरकारी मशीनरी की अनदेखी के कारण पूर्वांचल के 17 मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बन्द पड़ी है इन प्रयोगशालाओं में दस वर्षों से कोई परीक्षण ही नहीं हुआ है। ऐसे में किसानों की आय व उनकी मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने का दावा बेमानी साबित हो रहा है।

जिले की अन्य प्रयोगशालाओं में किसी में चार तो किसी में छह मिट्टी के तत्वों की जाँच होती है। आधुनिक और वैज्ञानिक जानकारी देने के उद्देश्य से जिलों में खुले कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे है। स्थिति यह है कि सरकारी मशीनरी की अनदेखी के कारण पूर्वांचल के 17 मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बन्द पड़ी है इन प्रयोगशालाओं में दस वर्षों से कोई परीक्षण ही नहीं हुआ है। ऐसे में किसानों की आय व उनकी मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने का दावा बेमानी साबित हो रहा है।

चंदौली जिले की प्रयोगशाला को ही ले तो दस वर्षों में यहाँ एक मृदा परीक्षण के नाम कोई प्रगति नहीं है। जबकि इस अवधि में यहाँ मृदा वैज्ञानिकों ने कागजों पर मौज से नौकरी की है। आश्चर्य की ही बात है कि प्रयोगशाला में तमाम संयंत्र होने के बाद भी उन्हें देखा तक नहीं गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र चंदौली में 13 तत्वों की जाँच के लिये दस साल पूर्व लगभग 12 लाख रूपये की लागत से प्रयोगशाला बनाई गई इसमें स्पेटोमीटर, पीएच मीटर,  इलेक्ट्रिकल कंडक्विटी मीटर, फ्लेल फोटोमीटर के अलावा अन्य उपकरण लगाए गए। लैब बनने के बाद यहाँ काम शुरू होना था पर पहले मृदा वैज्ञानिक के नाम पर जितने वैज्ञानिक आ रहे है। सभी नाम के वैज्ञानिक बनकर रह गए है। लैब का बंद ताला न खोलने में ही वैज्ञानिक अपनी बड़ाई समझ रहे है। स्थिति यह हो गई है कि लैब के सारे संयंत्र कूड़ा बन चुके है।

मिट्टी में जिंक और आयरन की कमी दूर करने की कौन कहे अब तो उपजाऊ जमीन भी पथरीली हो रही है। जागरूकता कार्यक्रमों के अभाव में मिट्टी की छह से सात इंच नीचे की परत कड़ी हो रही है। उसकी जोताई न होने पर वह पथरीली हो रही है। आधुनिक जानकारी देने के लिए विशेषज्ञों की तैनाती की गई है पर कोई जागरूकता कार्यक्रम न होने से पहले से आयरन और जिंक की कमी से जूझ रही मिट्टी अब पथरीली जमीन की ओर अग्रसर है।

English Summary: Krishi Vigyan Kendra do not get hope Published on: 29 August 2017, 02:02 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News