किसानों के कल्याण और विज्ञान के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु जय किसान जय विज्ञान सप्ताह की शुरुआत साल 2015 में की गयी थी. हर साल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर यह पूरा सप्ताह किसानों के कल्याण को समर्पित किया जाता है.
जहाँ सरकार और अन्य प्राइवेट संस्थानों द्वारा अनेकों गतिविधियां चलाई जाती है, ताकि किसानों को कृषि क्षेत्र में विज्ञान का इस्तेमाल किस तरह किया जाता है, उसके बारे में जानकारी दी जा सके. इसके तहत किसानों, मात्स्यिकी अधिकारियों, छात्रों और वैज्ञानिकों के बीच पारस्परिक विचार-विमर्श का आयोजन भी किया जाता है.
इसी सन्दर्भ में कृषि जागरण भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए किसानों के लिए जय किसान जय विज्ञान सप्ताह मनाने जा रहा है. किसानों के विकास और उनकी तरक्की के लिए कृषि जागरण सदैव किसानों के साथ खड़ा रहता है. ऐसे में अगर किसानों को विज्ञान का साथ मिल जाए, तो इससे ख़ुशी की बात और कुछ भी नहीं है.
जिस तरह से कृषि उपकरण और अन्य विज्ञान की मदद से किसान खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं, वो वाकई हमारे लिए ख़ुशी की बात है. ऐसे में कृषि जागरण भी अपने माध्यम से किसानों को जागरूक और विज्ञान का समय के साथ बढ़ते महत्व को समझाते हुए किसानों के लिए पूरे सप्ताह कई गतिविधियां आयोजित करने जा रहा है. जिसका सकारात्मक लाभ किसानों तक आवश्य पहुंचेगा. तो आइये जानते हैं क्या कुछ होने वाला है.
23 दिसंबर: जय किसान जय विज्ञान सप्ताह के पहले दिन कृषि मेला जो कृषि विभाग द्वारा बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश मर आयोजित होने जा रहा है. किसान भाई वहां की हर एक जानकारी हमारी आधिकारिक वेबसाइट या फिर सोशल मीडिया के जरिए ले सकते है. इसी के साथ उसी दिन कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ M.C Dominic की उपस्थिति में वेबिनार आयोजित किया जा रहा है. जिसका विषय "कृषि में कृषि तकनीकों का प्रयोग" है. जिस वेबिनार में किसानों के साथ अन्य सरकारी और गैर सरकारी संस्थान, कॉलेज और रिसर्च सेंटर्स के वैज्ञानिक भी मौजूद रहेंगे, जो अपने अनुभव के आधार पर किसानों को जानकारी देंगे.
24 दिसंबर: इस दिन किसानों से लाइव बातचीत की जाएगी. उनकी सफलता और समस्या दोनों पर चर्चा की जाएगी. इस बातचीत का विषय "किसानों के लिए वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता" है. इस वेबिनार के माध्यम से इस दिवस भी किसानों की जागरूकता बढ़ाई जाएगी.
25 दिसंबर: हमें ये बताते हुए बहुत ख़ुशी हो रही है कि आपकी मदद के लिए हमने अपने कृषि जागरण की टीम को बढ़ा लिया है, जो किसानों के सुख, दुःख दोनों में साथ कड़ी होगी. इसके लिए कृषि जागरण सम्पादकीय टीम के लिए नए ऑफिस का लोकार्पण करने जा रहा है. हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि हमारी खुशियों में शामिल होने और मुख्य अतिथि के तौर पर पद्मश्री अवार्ड विजेता राहीबाई सोमा पोपरे हमारे साथ उपस्थित होगीं.
26 दिसंबर: किसानों के लिए वेबिनार आयोजित किया जाएगा. जिसका विषय "कृषि कार्यों में जल की कम उपलब्धता से उत्पन्न चुनौतियां" हैं. इस विषय पर चर्चा कर हम समाधान निकलने की कोशिश करेंगे. इसका लाभ किसानों को आने वाले निकट भविष्य में मिल सकेगा.
27 दिसंबर: इस दिन भी किसानों के लिए विबिनार आयोजित किया जाएगा. जिसका विषय "खेती में गुणवत्तापूर्ण बीजों का महत्व" है. यह एक ऐसा विषय है, जिस पर किसान भाई और बहनों को जानकारी होना जरूरी है. तभी उसका असर फसलों के उत्पादन और गुणवत्ता पर पड़ेगा.
28 दिसंबर: "कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण के कारण आए बदलावों पर चर्चा" की जाएगी. इसके लिए भी कृषि जागरण वेबिनार आयोजित करने जा रहा है.
29 दिसंबर: जय किसान जय विज्ञान के अंतिम दिन किसानों के लिए सबसे जरुरी विषय पर चर्चा किया जाएगा. आपको बता दें किसानों के लिए फसल की सुरक्षा उसकी गुणवत्ता कितनी अहमियत रखती हैं. ऐसे में कृषि जागरण इस दिन "फसल पोषण एवं संरक्षण का महत्व" के विषय पर चर्चा की जाएगी और किसानों तक सही जानकारी पहुंचाई जाएगी.
कोरोना की वजह से हमारे समाज में जो बदलाव देखने को मिल रहा है वो कुछ हद्द तक सही भी है तो कुछ खामियां भी है इसकी. कोरोना काल के बाद अगर बात वेबिनार की करें तो इसका प्रचलन काफी ज्यादा हो गया है और एक तरह से ये बहुत लाभदायक भी है. पहले समय ना मिल पाने के वजह से लोग एक दूसरे से अपना अनुभव साँझा नहीं कर पाते थे. लेकिन
अब वेबिनार और एडवांस टेक्नोलॉजी की मदद से हम घर बैठे एक दूसरे से बात कर सकते हैं और अपना अनुभव एक दूसरे से बाँट सकते हैं. कृषि जागरण इस माध्यम का सही दिशा में उपयोग करते हुए लोगों तक जानकारियां पहुंचाने का काम कर रहा है. ऐसे में किसान भाइयों से आग्रह है की वो भी इससे जुड़ कर अपनी जानकारियां बढ़ा सकते हैं और साथ ही अपने समस्याओं पर चर्चा कर समाधान भी ढूंढ सकेंगे.
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