'Krishi Bharat-2024 Program' : उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आयोजित चार दिवसीय 'कृषि भारत-2024 कार्यक्रम' इन दिनों काफी सुर्खियों में है. इस कार्यक्रम का उद्घाटन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा किया गया. उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने किसानों को संबोधित किया और खेती से संबंधित कई स्कीम व कार्यों के बारे में भी जानकारी दी. ताकि प्रदेश के छोटे व आर्थिक रूप से कमजोर किसान प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए नई तकनीकों को अपना सके और अपनी आय में बढ़ोतरी हो सके.
सीएम योगी ने इस कार्यक्रम में प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने पर भी जोर डाला. ऐसे में आइए जानते हैं कि 'कृषि भारत-2024 कार्यक्रम' में प्रदेश के किसानों के लिए क्या कुछ खास रहा...
कार्यक्रम में 1 लाख से अधिक किसानों ने लिया भाग
बता दें कि 'कृषि भारत-2024 कार्यक्रम' का आयोजन वृंदावन योजना मैदान में किया जा रहा है. इस आयोजन में कृषि को उद्यमिता से जोड़ने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर फोकस किया गया है. इस कार्यक्रम में कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण ये जुड़े उपकरण और कृषि सेवाओं और प्रौद्योगिकी से जुड़ी अन्य सेवाओं इस प्रदर्शनी में 250 से ज्यादा प्रदर्शक और एक लाख से अधिक कृषक और आगंतुक भी शामिल है.
कार्यक्रम में सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि प्रदेश में कृषि की लागत को कम करना और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही केमिकल फर्टिलाइजर पर निर्धरता को घटाकर प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग को बढ़ावा देना है. प्रदेश के किसानों को इसके बारे में जागरूक करना, बीज को बाजार में पहुंचाने की सुलभता, किसान को उपलब्ध कराने और कृषि को उद्यमिता से जोड़ते हुए एक व्यापक बदलाव की गुंजाइश है.
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कृषि क्षेत्र में बढ़ती संभावनाएं
'कृषि भारत-2024 कार्यक्रम' में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा भारत की सबसे बड़ी आबादी उत्तर प्रदेश में है. यूपी में रहने वाले लोगों की लगभग संख्या 17 प्रतिशत यानी 25 करोड़ है. वही, देश की कुल खेती करने योग्य भूमि का प्रदेश में केवल 11 प्रतिशत हिस्सा है. इतना होने के बावजूद भी कृषि उत्पादन में प्रदेश देश के कुल एग्रीकल्चर प्रोडक्शन का 20 प्रतिशत हिस्सा है, जो कि हमारे उत्तम जल संसाधन और उर्वरा भूमि ताकत को दर्शाता है.
इस संदर्भ में उन्होने कहा की इसमें अभी भी असीम संभावनाएं है और वर्तमान में हमें डिजिटल एग्रीकल्चर और टेक्नोलॉजी के माध्यम से जो उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली है, जिसे हम तीन से चार गुना बढ़ा सकते हैं.
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