दिल्ली के ट्रेड फेयर में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सरैया की रहने वाली राजकुमारी देवी के स्टॉल पर लोगों की भीड़ लगी हुई है. सभी उनके हाथों से बने अचार और मुरब्बे के दीवाने हुए जा रहे हैं. ट्रेड फेयर में जिन्हें भी राजकुमारी देवी के बारे में पता चल रहा है, उनके स्टॉल का एक चक्कर जरूर लगा रहे हैं.
दरअसल, अचार और मुरब्बे का स्टॉल लगाने वाली राजकुमारी देवी कोई और नहीं, बल्कि बिहार की 'किसान चाची' हैं, जो गांव-गांव साइकिल से घूमकर महिलाओं को उत्थान और शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करती हैं.
किसान चाची राजकुमारी देवी पहले अपने खेत की उपज सीधे बाजार में बेचती थीं. लेकिन अब वो ऐसा नहीं करतीं. अपने खेत में पैदा होने वाले ओल को वो सीधे बाजार में बेचने की बजाय अब उसका अचार और आटा बनाकर बेचती हैं. अचार के बिजनेस से राजकुमारी को अच्छी आय होने लगी और आज वो न केवल बिहार के लोकप्रिय हैं, बल्कि देश भर की महिलाओं के लिए प्रेरणा का केंद्र हैं.
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अपनी सफलता का श्रेय वो अपने पति को देती हैं और मानती हैं कि गांव और शहर में महिलाओं को आगे बढ़ने में पुरुषों का योगदान सबसे बड़ा है. तकलीफ और दुख सबकी जिन्दगी में होते हैं, पर कभी भी अपने बुरे वक्त में हार नहीं मानना चाहिए और हर हालात का डट कर सामना करना चाहिए.
ट्रेड फेयर में आई किसान चाची को यहां अच्छी आमदनी की उम्मीद है. हालांकि वो ये मानती हैं कि उनका मुकाबला फैक्ट्री में बनाए गए सस्ते अचार और दूसरी चीजों से है. हम सब कुछ हाथ से बनते हैं. इसलिए मेरी सारी चीजें थोड़ी महंगी हैं, लेकिन एक बार मेरा बनाया अचार जिसने भी चख लिया वो बिना तारीफ किए नहीं रह सकता.
किसान चाची को बिहार के मुखिया से लेकर प्रधानमंत्री मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं. छोटे से गांव से इस मुकाम तक पहुंची किसान चाची एक मिसाल हैं. उन्होंने ये साबित कर दिया कि कोई भी कड़ी मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल कर सकता है.
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