छोटे किसानों से लेकर बड़े किसानों को भी पैसों की तंगी आमतौर पर झेलनी पड़ती है. कभी फसलों का समय पर ना बिक पाना, तो कभी फसलों में हुई ख़राबी की वजह से समय पर पैसा नहीं मिल पाना. बाजार में घूम रहे बिचौलिए किसानों का शोषण कर अधिक ब्याज पर उन्हें पैसे देते हैं, जिस वजह से किसान पैसे ना लेना ही उचित समझते हैं.
ऐसे में उनके पास एक बैकअप का होना अत्यंत जरुरी है. इस समस्या का समाधान और इसको और भी आसान बनाते हुए सरकार ने एक ठोस कदम उठाया था. उसको अब और आसान करते हुए यूपी सरकार ने किसानों की मुश्किलें और भी आसान कर दी है.
दरअसल किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के लिए अब किसानों को बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. यानि बैंक प्रतिनिधि कृषि विभाग के टोल फ्री नंबर पर पंजीयन कराने वाले किसानों का कार्ड घर बैठे बनाने आएंगे. कृषि लोन के लिए बनने वाले किसान क्रेडिट कार्ड के लिए किसानों का कृषि विभाग में पंजीयन अनिवार्य होगा. बिना इसके किसानों का कार्ड नहीं बनेगा. किसान ब्लाक या फिर जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में भी पंजीयन करा सकते हैं. किसानों की सुविधा के लिए किसान घर बैठे टोल फ्री नंबर (18002001050) पर भी अपना पंजीयन करा सकते हैं.
इतना ही नहीं कृषि विभाग की ओर से किसानों को बीज के साथ ही बुवाई व सिंचाई के यंत्रों पर भी अनुदान दिया जाता है. अनुदान राशि का लाभ सीधे किसानों को मिल सके इसके लिए भी पंजीयन जरूरी होगा, नहीं तो किसान इस अनुदान राशि से वंचित रह जाएंगे.
अनुदान के लिए किसानों को कई मेहनत या भाग दौर नहीं करनी होगी, सीधे किसानों के खाते में जाएगा. इच्छुक किसान खतौनी, बैंक पासबुक की फोटोकॉपी और पहचान पत्र के साथ अपने नजदीकी विकास खंड स्थित बीज केंद्र से संपर्क करके अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं.
पांच हजार रुपये तक देना पड़ सकता है जुर्माना
उप कृषि निदेशक डा.सीपी श्रीवास्तव के मुताबिक पंजीयन की कोई अंतिम तिथि न होने से अनुदान के इच्छुक किसान पंजीयन करा सकते हैं. किसानों की संख्या की जानकारी के लिए पंजीयन अनिवार्य है. उन्होंने पराली कि समस्या को गंभीरता से लेते हुए जनता के सामने रखा और इस विषय पर बात करते हुए किसानों से खेतों में पराली न जलाने की अपील है. उनका कहना है ऐसे करके किसान अपनी जमीन के पोषक तत्वों को कम कर रहे हैं. पराली जलाने वाले किसानों के पकड़े जाने पर पांच हजार रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है.
आपको बता दें कि पराली को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कई योजना चलाई जा रही है. जिसके तहत पराली को खेतों में ना जलाकर उनका सही उपयोग किया जाए. जिससे वातावरण में प्रदूषण भी ना फैले और खेतों की उपज में भी कोई कमी ना आए. जनता से लेकर सरकार इस विषय को लेकर चिंतित है. यूपी में बैरल मशीन के आने के बाद अब सरकार ने यह साफ़-साफ़ किसानों से कह दिया है कि खेतों में पराली जलाना जुर्म है. पकड़े जाने पर कार्यवाही की जाएगी.
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