1. Home
  2. ख़बरें

करनाल धान उगाने में अव्वल है तो प्रदूषण फैलाने में भी अव्वल है...

हरि आगमन की भूमि हरियाणा का आसमान इन दिनों जहरीले धुएं की चपेट में है. धान की कटाई के बाद किसानों की जलाई पराली इस धुएं की मुख्य वजह है. हालांकि सबसे ज्यादा धान उगा कर नंबर वन होने का तगमा जिस जिले को मिलता है, उसी के लिए शर्मनाक भी है कि प्रदूषण फैलाने में भी वही नंबर वन बन रहा है.

KJ Staff
stubble
Stubble Burning

हरि आगमन की भूमि हरियाणा का आसमान इन दिनों जहरीले धुएं की चपेट में है. धान की कटाई के बाद किसानों की जलाई पराली इस धुएं की मुख्य वजह है. हालांकि सबसे ज्यादा धान उगा कर नंबर वन होने का तगमा जिस जिले को मिलता है, उसी के लिए शर्मनाक भी है कि प्रदूषण फैलाने में भी वही नंबर वन बन रहा है.

कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस सीजन में करनाल धान की पैदावार में नंबर वन है वहीं पराली व उसके अवशेष जलाने में भी करनाल ने राज्य भर में पहला स्थान पाया है. इसी प्रकार पराली व फाने जलाने में कुरुक्षेत्र दूसरे नंबर पर है.

सरकारी सूत्रों के अनुसार पराली से निजात दिलाने के लिए सरकार ने 11 प्रकार की मशीनें तैयार की हैं. इनकी खरीद में 40 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है. लाख चेतावनी देने और अपील करने के बावजूद जिला प्रशासन पराली जलाने वाले किसानों से निपटने के मामले में बहुत पीछे है. अब तक लीपापोती के नाम पर कैथल में केवल 112 मामले दर्ज हुए हैं जिनसे तीन लाख 15 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है.

इस आंकड़ों को लेकर बेशक जिला प्रशासन खुद की पीठ थपथपा रहा हो लेकिन वस्तुस्थिति इससे अलग है. नित्य नियम से पराली जलने के कारण आसमान में धुएं का गुबार हर वक्त मौजूद रहता है. इस जहरीले धुएं से आंखों में जलन और सांस की बीमारी बढ़ रही है. यह जहरीला धुआं लोगों की सांसों में जहर घोल रहा है.

हालात बिगड़े तो प्रशासन में हरकत (If the situation worsens then action in the administration)

फसल के अवशेष जलाने से रोकने के लिए प्रशासन हरकत में आया है. तहसीलदार राकेश कुमार के नेतृत्व में पटवारियों की बैठक हुई. इसमें सभी को अपने-अपने क्षेत्र में जाकर किसानों को जागरूक करने को कहा गया. 

तहसीलदार ने कहा कि डीसी के आदेशानुसार गांवों का दौरा कर किसानों को पराली जलाने के नुकसान बताकर समझाया जा रहा है.

धान की कहां कितनी खेती (Where paddy is cultivated)

इस सीजन में करनाल में 169000 हैक्टेयर एरिया में धान की फसल हुई. वहीं नंबर 2 पर कैथल में 154000 हैक्टेयर, नंबर 3 पर कुरुक्षेत्र रहा जहां 117000 हैक्टेयर भूमि पर धान उगाया गया. 

यह खबर भी पढ़ें : पंजाब में लॉन्च स्टबल बर्निंग की जांच के लिए 3 मोबाइल एप्स

इसी प्रकार जींद में 110000 हैक्टेयर में धान की खेती हुई. इसी प्रकार पराली यानी धान की फसल के अवशेष जलाने की बात करें तो करनाल नंबर वन, कुरुक्षेत्र दूसरे नंबर पर, फतेहाबाद तीसरे नंबर पर और कैथल चौथे नंबर है. 

English Summary: Karnal is the best in growing paddy, it is also the best in spreading pollution ... Published on: 14 November 2017, 04:45 AM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News