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खेतीबाड़ी में काम आएंगे ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सिर्फ 400 से 500 रुपए में कोविड-19 के संक्रमण से बचने में मिलेगी मदद

कृषि क्षेत्र में उपकरणों का विशेष महत्व होता है, इसलिए सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए स्मार्ट सुरक्षा उपकरणों का आविष्कार किया गया है. इन उपकरण की मदद से कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोका जाएगा. इसको कानपुर स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने विकसित किया है. इनके जरिए फिजिकल डिस्टैंसिंग बनाकर रखी जा सकती है, साथ ही सेल्फ सेंसिटाइजेशन सिस्टम की मदद से संक्रमण को रोका जा सकता है. कृषि क्षेत्र में इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का अविष्कार किसानों का काफी मदद करेगा.

कंचन मौर्य
Kheti

कृषि क्षेत्र में उपकरणों का विशेष महत्व होता है, इसलिए सुरक्षा उपायों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए स्मार्ट सुरक्षा उपकरणों का आविष्कार किया गया है. इन उपकरण की मदद से कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से  रोका जाएगा. इसको कानपुर स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने विकसित किया है. इनके जरिए फिजिकल डिस्टैंसिंग बनाकर रखी जा सकती है, साथ ही सेल्फ सेंसिटाइजेशन सिस्टम की मदद से संक्रमण को रोका जा सकता है. कृषि क्षेत्र में इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का अविष्कार किसानों का काफी मदद करेगा.

कम लागत वाले हैं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बेहतरीन कार्य करने वाले हैं. यह आकार में छोटे और कम लागत वाले उपकरण हैं. इनके इस्तेमाल से ऊर्जा का कम उपयोग होगा, क्योंकि यह बैटरी से संचालित किए जाएंगे.

ये खबर भी पढ़े: Seed Ball: किसानों को गड्ढा खोदने के झंझट से मिलेगी मुक्ति, फसलों और बागवानी के लिए विकसित हुआ अनोखा बीज

Farmer

ऐसे काम करेंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

मीडिया रिपोर्ट की मानें, तो ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सिग्नल और प्रकाश संकेत अलार्म के जरिए काम करते हैं. यह 2 व्यक्तियों के बीच लगभग 6 फीट की दूरी बनाए रखने में मदद करता है. अगर किसानों के पास यह इलेक्ट्रोनिक उपकरण है और वह सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो यह उन्हें चेतावनी देगा. बता दें कि यह कम ऊर्जा इलेक्ट्रॉनिक पोर्टेबल पॉकेट-फ्रेंडली उपकरण बैंड के रूप में कलाई घड़ी की तरह काम करेगा.

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की लागत

इनकी लागत लगभग 400 से 500 रुपए है. इसमें रीर्चाजेबल बैटरी का विकल्प भी दिया गया है. हर व्यक्ति में अपनी नाक और चेहरे को बार-बार छूने की आदत होती है. इससे निजात दिलाने के लिए इस उपकरण को विकसित किया गया है. यह पहनने लायक है, साथ ही छोटे आकार का है. इसके अलावा पोर्टेबल, कम लागत वाला और कम ऊर्जा युक्त बैटरी का उपयोग करने वाला इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है. अगर कोई व्यक्ति जब भी अपने चेहरे को छूने के लिए हाथ का उपयोग करेगा, तो इसमें अलार्म बजेगा. खास बात है कि यह उपकरण व्यक्ति के अंदर सकारात्मक आदतों को विकसित करने में मदद करता है. बता दें कि इन सभी उपकरणों का आविष्कार एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एंडवास रिसर्च एंड स्टडीज के वरिष्ठ वैज्ञानिक के   मार्गदर्शन में किया गया है. इसमें उनकी टीम का भी बहुत सहयोग रहा है.

English Summary: Kanpur Amity University has invented smart safety devices for farmers Published on: 01 August 2020, 05:27 PM IST

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