केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी मंगलवार को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली-उत्तरप्रदेश) के 10वें दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि यह संस्थान अनुसंधान, शिक्षण, परामर्श और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ पशु चिकित्सा क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहा है.
इस अवसर पर मैं सभी विद्यार्थियों को बधाई देता हूं, जिन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, ज्ञान और कौशल अर्जित करने के लिए कड़ी मेहनत की है. समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बरेली सांसद संतोष गंगवार, उत्तर प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री धर्मपाल सिंह, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. अरूण कुमार सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उपस्थित रहे.
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसान को सम्मानजनक शब्द से सम्मानित करने का काम किया गया है. आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि किसान दुःखी, बेचारा, भूखा या विपन्न नहीं है, बल्कि इस शब्दावली से बाहर निकलने की जरूरत है.
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कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान गरीब हो सकता है, उसकी खेती का रकबा छोटा हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद वह न केवल अपने परिवार का गुजर-बसर करता है बल्कि देश की कृषि अर्थव्यवस्था में भी योगदान देता है. किसान और किसानी को सम्मान से जोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब किसानों को आय में सहायता करने के लिए योजना बनाई तो उसे किसान सम्मान निधि कहा. इस योजना के अंतर्गत किसानों को छह हजार रुपये प्रतिवर्ष दिए जाते हैं और अभी तक लगभग साढ़े ग्यारह करोड़ किसानों को दो लाख करोड़ रु. सीधे उनके बैंक खातों में जमा किए जा चुके हैं.
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