सरकारें लगातार अपने योजनाओं से जनता और किसान का कल्याण करती आ रही है. योजना के पीछे का मुख्य मक़सद जनता की भलाई और आर्थिक रूप से मजबूत करने का होता है.
राज्य सरकार ने झारखंड में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अंतर्गत पंचायत स्तर पर किसानों से सीधे जुड़कर कार्य करने वाले पैक्स व लैम्पस को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश शुरू की है.
इस कड़ी में राज्य के 500 पैक्स और लैम्पस को दो-दो लाख रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराने की योजना का गुरुवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने इसका शुभारंभ किया. इस मौके पर मंत्री ने सांकेतिक रूप से कुछ संस्थाओं को कार्यशील पूंजी का चेक भी सौंपा. अगले एक माह में सभी चयनित 500 पैक्स व लैम्पस के बीच दो-दो लाख की कार्यशील पूंजी का वितरण कर दिया जाएगा.
अगले वित्तीय वर्ष के लिए तय हुआ लक्ष्य
हेसाग स्थित पशुपालन भवन के सहकारिता सभागार में आयोजित 'सहकार से समृद्धि' कार्यक्रम में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने पैक्स व लैम्पस के बीच 10 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी वितरण की शुरुआत करते हुए नसीहत दी कि कार्यशील पूंजी का सदुपयोग सुनिश्चित होना चाहिए. कृषि मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमारे सहकारी बंधुओं ने जान की परवाह किये बिना धान उत्पादन के क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लक्ष्य से ज्यादा धान की अधिप्राप्ति की है. 60 लाख मैट्रिक टन के विरुद्ध 62.85 लाख टन धान की अधिप्राप्ति हुई है. साथ ही हमने अगले वित्तीय वर्ष के लिए 80 लाख टन का लक्ष्य रखा है.
धान स्टॉक के लिए 200 यार्ड बनाने की योजना पर काम
इस मौके पर कृषि मंत्री ने भावी योजनाओं को भी साझा किया. कहा, कृषि विभाग राज्य में धान स्टॉक के लिए 200 यार्ड बनाने की योजना पर काम कर रहा है. राज्य में कम से कम 100 राइस मिल के लिए संबंधित विभाग को जमीन उपलब्ध कराने के लिए लिखा गया है. राइस मिल प्रोजेक्ट को हम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ले रहे हैं, इसके अलावा पांच हजार टन क्षमता का कोल्ड स्टोरेज और 30 टन क्षमता के कई कोल्ड रूम तैयार किए जा रहे हैं. कहा, हमने कृषि के क्षेत्र में विकास का बीड़ा उठाया है. हम इंटीग्रेटेड फार्मिंग की सोच को धरातल पर उतारने की दिशा में काम कर रहे हैं.
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उत्कृष्ट कार्य करने वाले को किया पुरस्कृत
इस मौके पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले तीन पैक्स व लैम्पस को पुरस्कृत भी किया गया. साथ ही अन्य किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया की वो भी इस क्षेत्र में आगे बढ़कर अपना काम और नाम दोनों कमा सकते हैं. साथ ही अपने भविष्य को सुरक्षित भी कर सकते हैं. निबंधक सहयोग समितियों की ओर से प्रकाशित मासिक पत्रिका सहकार संवाद का भी कृषि मंत्री ने लोकार्पण किया.
इससे पूर्व निबंधक सहकारी समितियां मृत्युंजय बरनवाल ने सहकारिता विभाग के उद्देश्यों और भावी योजनाओं की जानकारी साझा की. कार्यक्रम में कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीक पी, एनसीडीसी के क्षेत्रीय निदेशक सिद्धार्थ कुमार, पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा सहित सभी जिलों के सहकारिता पदाधिकारी उपस्थित थे.
मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने किसानों को खेती-बाड़ी को और भी बेहतर तरीके से करने के लिए प्रोत्साहित किया और तकनीकों की मदद से कैसे कृषि को आसान और बेहतर बनाया जा सकता है इस पर भी चर्चा की.
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