खेती को बढ़ावा देने के लिए आज के समय में नई-नई तकनीकों को विकसित किया जा रहा है, जिससे किसानों को खेती के कार्यों में सहूलित मिले और अधिक जानकारी प्राप्त कर किसान भाई फसल से अच्छा उप्तादन प्राप्त करें.
नई तकनीकों (Techniques) के माध्यम से किसानों की खेती में लागत कम लगती है और कम समय में अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है. इसी बीच रायपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने इंदिर गाँधी कृषि विश्वविध्यालय (Indira Gandhi Agricultural University ) में एक ऐसा सेंसर लगाया है, जिससे फसल रोपने से लेकर फसल पकने (From Planting To Harvest ) तक की पूरी जानकारी मिल सकेगी.
दरअसल, इंदिरा गांधी कृषि विश्विविद्यालय में एडी कोवरिन्स फ्लक्स टावर (Eddie Covaris Flux Tower ) लगाया गया है. यह टावर लगने के बाद मिट्टी और वातावरण के तापमान के साथ नमी का माप कर मौसम का पूर्वानुमान किया जा सकेगा. यह उपकरण नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एन आर एस सी), इसरो, भारत सरकार अंतरिक्ष विभाग द्वारा राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना वित्त पोषित के तहत स्थापित किया गया है.
इस सेंसर के माध्यम से पौधों एवं उसके आसपास के वातावरण में कार्बन, पानी और गर्मी के प्रवाह का पता चलता है. यह सेंसर अलग-अलग समय के पैमाने यानि घंटे, दिन, मौसम और वर्ष के अनुसार वायु द्रव्यमान और ऊर्जा प्रवाह के सूक्ष्म उतार-चढ़ाव को माप सकेगा. इस तकनीक के माध्यम से उपकरण में लगे सेंसर्स हर पांच मिनट के अंतराल में मिट्टी के तापमान, मिट्टी के ताप प्रवाह, मिट्टी की नमी, वर्षा, सापेक्षिक आद्र्रता, वायु तापमान और सौर विकिरण आदि जैसे पचास से अधिक मापदंडों की जानकारी वैज्ञानिकों को देगा.
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कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा भी मापी जा सकेगी (The Amount Of Carbon Dioxide Can Also Be Measured)
इस तकनीक के जरिए फसलों में गैसीय प्रभाव की जानकारी में भी मदद मिलेगी. इसकी मदद से वायुमंडल में कार्बोनिक गैस का भी पता चलेगा. फसल से उत्पन होने वाली विषैली गैस को रोकने में मदद मिलेगी.
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