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क्या कर्ज़माफी के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है ?

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में किसानों से कर्ज़माफी के वादे ने सत्ता से बेदखल कांग्रेस पार्टी को तीन राज्यों की सत्ता में वापस ला दिया है. कांग्रेस ने भी सत्ता में आते ही अपने चुनावी वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है.

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में किसानों से कर्ज़माफी के वादे ने सत्ता से बेदखल कांग्रेस पार्टी को तीन राज्यों की सत्ता में वापस ला दिया है. कांग्रेस ने भी सत्ता में आते ही अपने चुनावी वादों को पूरा करना शुरू कर दिया है. सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ घंटे के अंदर ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्ज़माफी की फाइल पर दस्तखत कर दिए. इस आदेश के साथ ही किसानों को सरकारी और सहकारी बैकों द्वारा दिया गया 2 लाख रुपए तक का अल्पकालीन फसल ऋण माफ हो गया. गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान जनता से ये वादा किया था कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो 10 दिनों के अंदर ही किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्जड माफ कर दिया जाएगा.

मध्यप्रदेश में कर्जमाफी के बाद सीएम कमलनाथ ने भी कहा है कि, मुख्यमंत्री पद पर आने के बाद मैंने जो पहली फाइल साइन की है, वह है किसानों का 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की. जैसा कि मैंने वादा किया था मध्यप्रदेश के 'किसान कल्याण कृषि विकास विभाग' के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश के दस्तखत के साथ जारी एक पत्र में लिखा गया है कि 31 मार्च 2018 के पहले जिन किसानों का दो लाख तक का कर्ज बकाया है, उसे माफ किया जाता है. इसमें राष्ट्रीकृत और सहकारी बैंकों से लोन लेने वाले किसान लाभावन्वित होंगे.

गौरतलब है कि किसानों का कर्ज केवल 31 मार्च 2018 तक का हुआ हैं. उस समय तक ज्यादातर किसान कर्ज की पलटी (नवीकरण) कर लेते है. यही नहीं जो कर्ज माफ़ हुआ है उसमे ट्रैक्टर, घर, कुआं आदि का कर्ज माफ़ नहीं होगा. ऐसे में राज्य के बहुत सारे किसान अपने आपकों ठगा-सा महसूस कर रहे हैं. आपको जानकारी के लिए यह भी बता दें कि कांग्रेस के कर्जमाफी के वादे को देखते हुए मध्य प्रदेश के ज्यादातर किसानों ने अपने लोन की किस्त जमा करनी भी बंद कर दी थी. वहां के किसानों ने पहले से ही यह मान लिया था कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो उनका कर्ज माफ हो जाएगा. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल राज्य में किसानों ने अभी तक धान की फसल भी बहुत कम बेची है.

मध्य प्रदेश में कर्ज माफी के कुछ ही घंटे बाद ही छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस के द्वारा किसानों का कर्ज माफ कर दिया गया. मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के कुछ घंटे बाद मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कैबिनेट की बैठक की और सीएम कमलनाथ की राह पर चलते हुए किसानों का कर्ज माफ कर दिया. भूपेश बघेल की कैबिनेट में दुसरा बड़ा फैसला धान पर लिया गया हैं. दरअसल राज्य में अब किसानों को धान का 2500 रुपय़े प्रति क्विंटल दाम मिलेगा.

विवेक राय, कृषि जागरण

English Summary: Is farmers being duped in the name of debt? Published on: 18 December 2018, 01:53 PM IST

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