प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि नई दिल्ली में 3 से 5 नवंबर तक आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 में दो दर्जन से अधिक निवेशकों के साथ बिजनेस टू गवर्नमेंट व बिजनेसमैन टू बिजनेसमैन बैठकें होंगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के लिए निवेशकों के साथ एमओयू भी हस्ताक्षरित किए जाएंगे।
प्रमुख सचिव डॉ. अग्रवाल बुधवार को उद्योग भवन में आयुक्त कुंजीलाल मीणा के साथ वर्ल्ड फूड इंडिया से जुड़े विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने बताया कि बीटूजी और बीटूबी मिटिंग्स के साथ ही उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत के साथ निवेशकों की बैठकों की तैयारियों के लिए बीआईपी के नागेश शर्मा को प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह से निवेश प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाने के लिए अतिरिक्त निदेशक एलसी जैन को संयोजक व पीआर शर्मा को समन्वय की जिम्मेदारी दी गई है।
उद्योग आयुक्त कुंजीलाल मीणा ने बताया कि निवेशकों से समन्वय बनाने और राजस्थान में निवेश संबंधी सभी जानकारियों के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों का दल गठित किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश की विपुल संभावनाएं हैं। मीणा ने बताया कि वर्ल्ड फूड इंडिया में फार्मर्स प्रोड्यूसर संस्था के रूप में आल राजस्थान स्माल फारमर एग्री प्रोड्यूसर कंपनी व महिला उद्यमियों की संस्था के रूप में प्रधान संस्था हिस्सा लेगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए कृषि विभाग के उपनिदेशक कुलदीप भारद्वाज व संयुक्त निदेशक उद्योग एसएस शाह को समन्वयक बनाया गया है। राजस्थान पेवेलियन के विभागीय प्रभारी अतिरिक्त निदेशक पीके जैन होंगे। उन्होंने बताया कि आयोजन की तैयारियों की प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी।
अतिरिक्त निदेषक एलसी जैन और सीआईआई के नितिन गुप्ता ने तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में बीआईपी, रीको, कृषि, आरसीडीएफ, पशुपालन, बागवानी, सीआईआई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
वर्ल्ड फ़ूड इंडिया 2017 में निवेशकों से हो सकते है कई एमओयू साइन
प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि नई दिल्ली में 3 से 5 नवंबर तक आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 में दो दर्जन से अधिक निवेशकों के साथ बिजनेस टू गवर्नमेंट व बिजनेसमैन टू बिजनेसमैन बैठकें होंगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के लिए निवेशकों के साथ एमओयू भी हस्ताक्षरित किए जाएंगे।
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