दिल्ली स्थित ऐतिहासिक भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में अंतरराष्ट्रीय छात्रावास तथा कृषि हाट की नींव रखी . शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इसका शिल्यान्यास किया. हरित क्रांति के जन्मस्थल के रूप में विख्यात आईसीआर में यह छात्रावास, कृषि क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक मजबूत पहल है.
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान को 1958 में यू.जी.सी. द्वारा मानद विश्वविद्यालय की मान्यता दी गई थी. इस संस्थान द्वारा अब तक 4025 एम.एस-सी., 476 एम. टेक तथा 4791 पी-एच.डी. छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की जा चुकी है. इनमें 391 अंतरराष्ट्रीय छात्र रहे हैं. वर्तमान में 1032 छात्र-छात्राएँ इस संस्थान में पढ़ाई कर रहे हैं. जिसमें 294 एम.एस-सी., 16 एम.टेक तथा 722 पी.एच.डी. के छात्र है. अभी अफ्रीकी राष्ट्रों सहित म्यांमार, नेपाल, अफगानिस्तान, ईरान, बांग्लादेश के कुल 41 छात्र-छात्राएँ एम.एस-सी. एवं पी-एच.डी. की पढ़ाई कर रहे हैं.
‘अंतरराष्ट्रीय छात्रावास‘ स्नातकोत्तर (Post Graduate) छात्रों के लिए बेहद जरुरी है क्योंकि विश्वप्रतिष्ठित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में छात्रों के कृषि विज्ञान की शिक्षा के प्रति रूझान एवं छात्रों की अधिक संख्या के चलते पहले से ही छात्रावासों की कमी रही है.
500 छात्रों क्षमता वाला यह छात्रावास 2 हेक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा. इसमें भवन के लिए 14,480 वर्गमीटर क्षेत्र निर्धारित किया गया है. भवन का डिज़ाइन आधुनिक तरीके से किया गया है. जिसमें दो कमरे -एक किचिन, 50 सपरिवारीय आवास, स्नान-सुविधा युक्त 50 एकल कमरे एवं 400 एकल कमरे होंगे. इस छात्रावास में लगभग 600 छात्रों के लिए भोजन की सुविधा के लिए एक फूड-कोर्ट का भी निर्माण कराया जाएगा. स्वास्थ्य देख-रेख सुविधाओं से युक्त एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जिम्नैजियम, खेल-उपकरण युक्त एक गेम्स एवं एक्टिविटी रूम, एक सिटिंग लॉन्ज का भी निर्माण किया जाना है. साथ ही एक पार्किंग व्यवस्था की जाएगी. जिसकी छत सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए उपयोगी होगी.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा एवं शोध के क्षेत्र में पूसा संस्थान की भूमिका प्रशंसनीय रही है. इस अंतरराष्ट्रीय छात्रावास का निर्माण विकसित राष्ट्रों से भी छात्र-छात्राओं को आकर्षित करने में मददगार साबित होगा. इससे पूसा संस्थान की अंतरराष्ट्रीय छवि और अधिक मजबूत होगी.
कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने किसान भाइयों की सेवा के लिए आईसीएआर परिसर में एक 'कृषि हाट' का भी शिल्यान्यास किया. शिल्यान्यास के बाद अपने वक्तव्य मेइओन उन्होंने कृषि हाट के बारे में जानकारी दी. यह 2.5 एकड़ में बनेगा जिसमें 3 मी. x 3 मी. की 60 के स्टॉल होंगे. इन स्टॉलों में किसान भाई एवं कृषक महिलाएँ अपने कृषि उत्पाद तथा मूल्य संवर्धित उत्पाद यहाँ बेच सकेंगे. साथ ही भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद के सभी संस्थानों द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी एवं मूल्य संवर्धित उत्पाद किसान भाइयों तथा आगंतुकों के लिए उपलब्ध रहेंगे. कृषि हाट में ‘टेक्नोलॉजी पार्क’ की भी सुविधा होंगी जिसमें किसान भाई पूसा संस्थान की जीवंत फसल प्रौद्योगिकियाँ देख सकते हैं. इसमें ‘फूड प्लाजा’ भी होगा, जिसमें कृषक एवं आगंतुकों के लिए जलपान एवं खाने की सुविधा होंगी. इसमें ‘ओपन एयर थिएटर’ होगा जिसमें 100 लोगों के बैठने की सुविधा होगी. साथ ही कांफ्रेंस हाल, टेक्नोलॉजी म्यूजियम, लैब तथा व्याख्यान कक्ष की भी सुविधा होगी. कृषि हाट में किसानों के लिए कृषि परामर्श सेवाएँ, पूसा बीज एवं कृषि साहित्य की उपलब्धता भी रहेगी.
शिलान्यास अवसर पर सचिव डेयर एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र जी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक (प्रसार) एवं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ए.के. सिंह, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक (बागवानी एवं फसल) डॉ. ए.के. सिंह, पूसा संस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रसार एवं अनुसंधान) डॉ. जे.पी. शर्मा, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता श्री विकास राणा तथा मुख्य वास्तुकार श्री राजेश कुमार कौशल, संस्थान के समस्त वैज्ञानिक एवं छात्र-गण तथा मीडिया प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
डॉ. जे.पी. शर्मा
संयुक्त निदेशक (प्रसार एवं अनुसंधान)
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली
फोन 011-25842387
ईमेल [email protected]
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