रूस यूक्रेन जंग के दौरान भारतीय छात्रों का मुद्दा खूब सुर्खियों में था. छात्र अक्सर अच्छी शिक्षा के लिए विदेशों में जाते हैं, मगर विदेशी छात्रों की संख्या भी भारत में कम नहीं है. AISHE की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में तकरीबन 50 हजार विदेशी छात्र भारत के कॉलेजों में पढ़ रहे थे. इस साल भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. दिल्ली के गुरू गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में इस सत्र 2022-23 में विदेशी छात्रों के सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए.
आईपीयू में विदेशी छात्रों
गुरू गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) में विदेशी छात्रों के आवेदन इजाफा देखने को मिला है. इसकी जानकारी विश्वविद्यालय की तरफ से दी गई, जिसमें कहा गया कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए ग्रेजुएशन (Graduation) से लेकर पीएचडी (Ph.d) स्तर तक के विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए 15 जून तक विदेशी छात्रों लगभग 650 आवेदन प्राप्त हुए हैं. यह विदेशी छात्रों के अब तक के सबसे अधिक पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) हैं. वहीं केवल पीएचडी के कोर्स के लिए 18 आवेदन विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए हैं.
गुरू गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (GGSIPU) दिल्ली के द्वारका में स्थित है, जहां पर ग्रेजुएशन से लेकर पीएचडी के लगभग 40 कोर्स करवाए जाते हैं. वहीं तकरीबन 120 कॉलेजों इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से संबद्ध (affiliate) हैं.
भारत के पड़ोसी देशों के अलावा, दक्षिण अफ्रीका, मॉरीशस, ईरान, रूसी संघ, इंडोनेशिया, मंगोलिया, जर्मनी और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे देशों के छात्रों ने भी इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में आवेदन किए हैं. आईपीयू (IPU) में हर साल विदेशी छात्रों के लगभग 100 से 200 आवेदन प्राप्त होते हैं. विदेशी छात्रों के आवेदनों में वृद्धी से विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. महेश वर्मा ने कहा कि हमारा विश्वविद्यालय ग्लोबल यूनिवर्सिटी के फार्मेट में कार्य कर रहा है. नए-नए तकनीकी और इनोवेटिव कोर्स पूरी दुनिया के छात्रों को विश्वविद्यालय की ओर आकर्षित कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि आने वाले समय में दुनिया के कोने कोने के छात्र यहां दाखिला लें, जिससे हमारा ग्लोबल यूनिवर्सिटी बनने का सपना जल्द साकार होगा.
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भारत आधुनिकीकरण के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी पकड़ और मजबूत बना रहा है, जिससे अब विदेशी छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
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