इस साल भारत के आम निर्यात में खासी तेजी की संभावना है। कीट जोखिम की कठोर जांच (पीआरए) के बाद दक्षिण कोरिया द्वारा इस फल के आयात की अनुमति से यह आस जगी है। दक्षिण कोरिया ने 2016 में खासतौर पर थाईलैंड, फिलीपींस, ताइवान, वियतनाम, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, पेरू और अमरीका से 4.8 करोड़ डॉलर मूल्य का आम आयात किया है। भारत में उपजे आम की खाड़ी देशों, अमरीका और यूरोपीय देशों में लोकप्रियता होने के कारण दक्षिण कोरियाई बाजार में भारत के प्रवेश से प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ जाएगी।
निर्यातक बुक करा सकते हैं स्लॉट
14 मार्च, 2017 को अपने सदस्यों के लिए जारी एक परामर्श में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने कहा है कि दक्षिण कोरिया की एनीमल ऐंड प्लांट क्वैरेंटाइन एजेंसी (क्यूआईए) विशेष तापमान वाली परिस्थितियों में वैपोर हीट ट्रीटमेंट (वीएचटी) के बाद भारतीय आम के दक्षिण कोरिया में आयात पर आखिरकार सहमत हो गई है। एपीडा होर्टी नेट व्यवस्था के अंतर्गत पंजीकृत किसानों को इस निर्यात की अनुमति दी जाएगी। इसलिए इसमें रुचि रखने वाले निर्यातक दक्षिण कोरिया को निर्यात करने वाले आमों के प्रसंस्करण के लिए अपना स्लॉट बुक करा सकते हैं।
पिछले साल आम निर्यात में गिरावट
भारत के लिए नए बाजार का खुलना इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल भारत के आम निर्यात में करीब 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। एपीडा के द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़े दर्शाते हैं कि 2015-16 में भारत का आम निर्यात 36,329 टन रहा जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 42,998.31 टन था। हालांकि मूल्य के रूप में 2015-16 के दौरान निर्यात करीब स्थिर रहते हुए 4.949 करोड़ डॉलर रहा। पिछले साल यह 5.026 करोड़ डॉलर था। मात्रा की दृष्टि से संयुक्त अरब अमीरात 50 प्रतिशत से ज्यादा और मूल्य की दृष्टि से 60 प्रतिशत आयात करता है। इसके बाद ब्रिटेन का स्थान आता है। संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन के आयात में 90 प्रतिशत का अंतर रहता है।
हालांकि व्यापारिक सूत्रों का मानना है कि निर्यात गुणवत्ता वाले आम की आवक से एक सप्ताह में निर्यात अपने शीर्ष पर पहुंचना शुरू हो जाएगा।
दक्षिण कोरिया में बिकेगा भारतीय आम
इस साल भारत के आम निर्यात में खासी तेजी की संभावना है। कीट जोखिम की कठोर जांच (पीआरए) के बाद दक्षिण कोरिया द्वारा इस फल के आयात की अनुमति से यह आस जगी है। दक्षिण कोरिया ने 2016 में खासतौर पर थाईलैंड, फिलीपींस, ताइवान, वियतनाम, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, पेरू और अमरीका से 4.8 करोड़ डॉलर मूल्य का आम आयात किया है। भारत में उपजे आम की खाड़ी देशों, अमरीका और यूरोपीय देशों में लोकप्रियता होने के कारण दक्षिण कोरियाई बाजार में भारत के प्रवेश से प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ जाएगी।
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