खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने एएनयूजीए के आयोजकों के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। एएनयूजीए खाद्य उद्योग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंच है जो कि जर्मनी के कोलंगे में आयोजित होगा। उन्होंने कोएल्नमेसे जीएमबीएच, (एएनयूजीए के आयोजक), प्रमुख परिचालन अधिकारी कैथरिना सी हमा के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री ने कहा कि यह भारत के लिए सम्मान की विषय है कि वह एक सम्मानित अंतर्राष्ट्रीय समारोह में साझेदार देश बनने जा रहा है। “इससे हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त हुआ है।” मंत्री ने यह भी कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के समक्ष बहुत सारी चुनौतियां हैं, लेकिन पिछले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में हुए बदलावों के कारण उद्योग बाधाओं से पार पाने के लिए तैयार है। हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षों में हमारी सरकार ने 9 नये मेगा फूड पार्क शुरू किये हैं, आपूर्ति अवसंरचना को मजबूत किया है, 6 हजार करोड़ रूपये के आवंटन से किसान संपदा योजना का क्रियान्वयन किया है, नाबार्ड के साथ 2 हजार करोड़ रुपये का कोष बनाया है जो वरीयता के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को ऋण मुहैया करायेगा, करों को तर्कसंगत बनाया है, खाद्य क्षेत्र के खुदरा बाजार में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी है इत्यादि। इन कदमों से सरकार के भारत को एक बाजार की बजाय वैश्विक खाद्य फैक्ट्री बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा “जर्मनी के कोलंगे में ब्रांड एएनयूजीए के साथ ब्रांड इंडिया भी सामानांतर खड़ा दिखाई देगा।” हरसिमरत कौर बादल ने कहा दरअसल भारत सरकार द्वारा आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया में जर्मनी को साझेदार के रूप में आमंत्रित किया जा सकता है। मंत्री ने जर्मनी में एएनयूजीए और फ्रांस में एसआईएएल जैसी अंतर्राष्ट्रीय खाद्य प्रदर्शनियों में भारत के भाग लेने से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की शक्तियों को प्रदर्शित के महत्व को स्वीकार किया।
हरसिमरत कौर बादल ने जोर देकर कहा “खाद्य नीति सभी बाधाओं को दूर करने और किसानों के जीवन को बदलने का काम करेगी”। खाद्य प्रसंस्करण के उद्योगों के विकास से वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। हमें अपनी किसानों की तकनीक को उन्नत करना होगा और ना केवल खाद्य प्रसंस्करण में बल्कि कृषि प्रोद्यौगिकी में निवेश की आवश्यकता है। मंत्री ने कहा कि हमें पश्चिमी देशों से सीखना होगा कि किस तरह से पैदावार और परिवहन के स्तर पर अपव्यय को नियंत्रित किया जाए।
इस अवसर पर बोलते हुए काठरिना सी हमा ने कहा कि उन्हें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत एएनयूजीए 2017 में साझेदार देश होगा। एएनयूजीए 2015 में 135 भारतीय प्रदर्शक थे वहीं कोलंगे में 7 अक्तूबर से 11 अक्तूबर तक एएनयूजीए 2017 में 200 से ज्यादा भारतीय कंपनियों के हिस्सा लेने की आशा जतायी जा रही है। एएनयूजीए 2017 में पहली बार खाद्य उद्योग में ई-कॉमर्स केंद्रित होगा। हमा ने कहा कि भारतीय खाद्य उद्योग को उसकी क्षमता और पाक कला संबंधी प्रतिस्पर्धा के लिए जाना जाता है। दुनिया भारतीय पाक व्यंजनों और इसकी विविधता की तरफ आकर्षित है। भारत में विविध प्रकार के मसाले पाये जाते हैं जो विश्व भर को निर्यात किये जाते हैं। उन्होंने भारत सरकार को नये मार्ग और नई पहलों के लिए बधाई दी।
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