भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत, 60 वर्षों से ज्यादा समय से उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) में एक साथ 4 नई सुविधाओं का उद्घाटन आज मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया. इनमें सभागार, कृषि-व्यवसाय अभिपोषण (एबीआई) केंद्र (Agri-Business Incubation (ABI) centre), इंडोर खेल हॉल एवं पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र शामिल हैं.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी विशेष अतिथि थे. इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व में भारत हर कृषि उत्पाद में नंबर वन पर होगा. अभी अधिकांश कृषि उत्पादों के मामले में भारत दुनिया में पहले या दूसरे स्थान पर है.
तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कृतित्व व व्यक्तित्व के कारण भारत आज दुनिया में सहारा देने वाला देश बन गया, जो पहले कभी दीन-हीन स्थिति में होता था. उन्होंने कहा- भारतीय कृषि की अर्थव्यवस्था मजबूत है, जो इसी तरह बनी रही, तो भारत बड़े से बड़े संकट से निपटने में पूरी तरह सक्षम होगा, जैसा कि कोविड संकट के दौरान भी हमारे कृषि क्षेत्र ने स्वयं को सकारात्मक रूप से सिद्ध किया है. तोमर ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और इसके बाद से प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी लगातार गांव-गरीब-किसानों को प्राथमिकता पर रखकर विचार करते हैं.
इन 8 वर्षों में कृषि के क्षेत्र को सुधारने, किसानों को आय सहायता व तकनीक का समर्थन देने, देश के 86 प्रतिशत छोटे किसानों को एफपीओ के माध्यम से स्वयं को संगठित करने, अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग करने के साथ ही वाजिब दाम प्राप्त करने के संबंध में मोदीजी के नेतृत्व में अनेक योजनाओं का सृजन हुआ है. कृषि क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक लाख करोड़ रुपये के फंड को मोदीजी ने स्थापित किया है, जिसमें से 14 हजार करोड़ रु. के प्रोजेक्ट स्वीकृत भी हो गए हैं.
तोमर ने कृषि क्षेत्र की प्रगति में वैज्ञानिकों के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वे बड़े लक्ष्य को लेकर उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान दें. उन्होंने रोपण सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि काजरी इस मामले में आगे बढ़े, केंद्र सरकार इसमें अपने स्तर पर पूरा सहयोग करेगी. तोमर ने अनेक उपलब्धियों को लेकर काजरी की सराहना की. काजरी ने शुष्क क्षेत्र में कृषि विकास के लिए अनगिनत अनुसंधान कर प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं, जो हमारे रेगिस्तानी क्षेत्रों के साथ-साथ पूरे विश्व के लिए भी उदाहरण हैं. काजरी ने शुष्क-कृषि के विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत का मान-सम्मान सारी दुनिया में बढ़ा है, आज कोई भी प्लेटफार्म किसी भी मुद्दे पर भारत की उपेक्षा नहीं कर सकता है. शेखावत ने कहा कि किसानों के परिश्रम, कृषि वैज्ञानिकों के योगदान व सरकार की नीतियों से आज हम खाद्यान्न की प्रचुरता के साथ-साथ निर्यातक देश के रूप में पहचान बना चुके है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि क्षेत्र की तरफ देखने के नजरिए को बदला व इसे लाभकारी बनाने के लिए कदम उठाए हैं. कृषि क्षेत्र में, किसानों की खुशहाली के लिए अनेक प्रयास किए गए हैं, जिनका सद्परिणाम नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि दुनियाभर की आवश्यकता के लिए हमारे किसान किस तरह काम करें, हम किस तरह से इसके लिए किसानों को सक्षम बनाएं, इस दृष्टिकोण से काम करने का समय आ गया है. आज खाद्य पदार्थों का आंकलन वजन की बजाय पोषण के आधार पर हो रहा है, हम असीम संभावनाओं के द्वार पर खड़े हैं. देंखे कि हम दुनिया को पोषक खाद्य पदार्थ कैसे उपलब्ध करा सकते हैं. उन्होंने जोधपुर में रोपण सामग्री को लेकर काम करने की बात कही.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि किसानों के लिए काजरी का बहुत योगदान रहा है. एक समय यह पूरा क्षेत्र रेगिस्तान था. पानी की समस्या थी, किसान बेहाल थे, ऐसे में काजरी ने नई तकनीक किसानों तक पहुंचाई, आज यहां खजूर, अनार, अंजीर की खेती हो रही है व ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू होने वाली है. आने वाले दिनों में यहां का बाजरा दुनियाभर में स्थान पाएगा. काफी समय से मांग की जा रही थी कि राजस्थान में बाजरे का अनुसंधान हो, अब बाड़मेर में केंद्र की ओर से बाजरा अनुसंधान केंद्र खुलने जा रहा है.
डेयर के सचिव व आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, उप-महानिदेशक डॉ. एस.के. चौधरी व काजरी के निदेशक डॉ. ओ.पी. यादव ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में तोमर द्वारा प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर काजरी के अधिकारी-वैज्ञानिक सहित अन्य गणमान्यजन मौजूद थे.
उद्घाटन-
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1. कृषि व्यवसाय अभिपोषण केंद्र- इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं को स्वयं का उद्योग लगाने के लिए एक माह का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसमें वैज्ञानिक प्रशिक्षणार्थियों को पशुपालन प्रबंधन, मूल्य संवर्धन, फलोत्पादन, सौर उर्जा, नर्सरी प्रबंधन, खेती की नवीनतम तकनीकियों, कीचन गार्डन आदि के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण व प्रायोगिक ज्ञान दिया जाता है. संस्थान के शोध क्षेत्रों को भ्रमण कराकर जानकारी प्रदान की जाती है, ताकि ट्रेनिंग के बाद प्रशिक्षणार्थी स्वयं का उद्योग स्थापित कर सकें, स्वरोजगार प्राप्त कर सकें.
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पर्यावरण अनुकूल अपशिष्ट जल संयत्र- इसके माध्यम से सीवरेज पानी को उपचारित किया जाता है. इस संयत्र से प्रतिदिन सीवरेज का 1 लाख लीटर पानी उपचारित किया जाएगा. इसमें सूक्ष्म जीव, पौधा व पानी तीनों की संयुक्त कार्यप्रणाली से पानी उपचारित होता है. उपचारित पानी को सिंचाई के लिए काम लिया जाता है. यह एक ईको पार्क है, जिसमें जमीन के नीचे से पानी उपचारित होता है. इसमें टाईफा के पौधे लगाए गए है. यह प्लांट 50 वर्षों तक सुचारू रूप से कार्य कर सकता है. इसमें नेपियार घास लगाई गई है, जिससे पशुओं को वर्ष भर हरा चारा मिलेगा, सूक्ष्म सिंचाई व लॉन घास लगाने के लिए भी इस पानी का प्रयोग किया जा सकता है.
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इंडोर खेल हॉल- इसे आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया गया है. इससे कर्मचारियों व युवाओं को खेल प्रशिक्षण लेने व बेहतर प्रदर्शन का मौका मिलेगा.
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सभागार- इसे आधुनिक सुविधाओंयुक्त 300 लोगों के बैठने की क्षमता का बनाया गया है. राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, कार्यशालाओं, वैज्ञानिकों के देश-विदेश के संयुक्त प्रोजेक्ट के प्रशिक्षण आदि आयोजन में सुविधा होगी.
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