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पर्यावरण में बदलावों को लेकर भारत-अमेरिका द्वारा किए जा रहे साझा प्रयासों से नई ग्रीन जॉब्स तैयार करने में मदद मिलेगी - जोर्गन के. एंड्रयूज

इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) द्वारा मंगलवार को 21वीं इंडो-यूएस इकोनॉमिक समिट आयोजित किया गया, जिसमें नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन जोर्गन के. एंड्रयूज ने संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन को न्यूनतम और ऊर्जा परिवर्तन के मामले में भारत और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से उठाए गए कदम न केवल एक बेहतर दुनिया बनायेंगे, बल्कि इससे ऐसे ग्रीन रोजगार भी पैदा होंगे, जिनकी काफी लंबे समय से अपेक्षा की जा रही है.

KJ Staff

नई दिल्ली, 24 सितंबर, 2024: जलवायु परिवर्तन को न्यूनतम और ऊर्जा परिवर्तन के मामले में भारत और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से उठाए गए कदम न केवल एक बेहतर दुनिया बनायेंगे, बल्कि इससे ऐसे ग्रीन रोजगार भी पैदा होंगे, जिनकी काफी लंबे समय से अपेक्षा की जा रही है. ये बात आज नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन जोर्गन के. एंड्रयूज ने कहा.

इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) द्वारा मंगलवार को आयोजित 21वीं इंडो-यूएस इकोनॉमिक समिट को संबोधित करते हुए, अमेरिकी दूतावास के प्रमुख अधिकारी ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध सभी पहलुओं से गहरे और व्यापक होते जा रहे हैं. जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यदि इसका समाधान नहीं किया गया, तो जलवायु परिवर्तन का दोनों देशों की सामूहिक समृद्धि पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा.

राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 21वीं इकोनॉमिक समिट का थीम 'बिल्डिंग ब्रिजस-शेपिंग फ्यूचर्स: पायोनियरिंग पाथवेज फॉर 21र्स्ट सेंचुरी ग्रोथ (पुलों का निर्माण, भविष्य को आकार देना: 21वीं सदी के विकास के लिए अग्रणी मार्ग) था.

नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन श्री जोर्गन के. एंड्रयूज ने कहा कि "अगर हम जलवायु परिवर्तन की इन समस्याओं को एक साथ हल नहीं करते हैं, तो हमारी सामूहिक समृद्धि पर इसका बहुत गहरा असर होगा. मुझे लगता है कि हम मिलकर सरकारी स्तर पर और निजी क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने के लिए कई स्तर पर कुछ अद्भुत काम कर रहे हैं, ताकि भारत को विकास और वृद्धि के लिए ऐसा रास्ता मिल सके जो वैश्विक जलवायु चुनौतियों को और न बढ़ाए और साथ ही, ये बदलाव अच्छे वेतन वाली ग्रीन जॉब्स पैदा करेंगे. मुझे पता है कि हम सभी ऐसा होते हुए देखना चाहेंगे."

द्विपक्षीय संबंधों में विकास की तेज़ गति को देखते हुए, उन्होंने कहा कि मजबूत और सुदृढ़ संबंधों ने दोनों देशों के लोगों को "जबरदस्त लाभ" प्रदान किया है.

उनका ये बयान पिछले सप्ताह अमेरिका में क्वॉड समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के बीच द्विपक्षीय वार्ता के तुरंत बाद आया है.

एंड्रयूज ने आगे बताया कि भारत-अमेरिका कमर्शियल डायलॉग और सीईओ फोरम अगले सप्ताह अमेरिका में आयोजित किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो बैठकों की सह-अध्यक्षता करेंगे.

उन्होंने कहा कि "अगले सप्ताह वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री गोयल वाशिंगटन में होंगे और उन्हें अपनी समकक्ष वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो से मिलने का मौका मिलेगा. वे दोनों मिलकर अमेरिका, भारत कमर्शियल डायलॉग और सीईओ फोरम की सह-अध्यक्षता करेंगे. यह सरकार और उद्योग के बीच एक और महत्वपूर्ण कड़ी है, जो हमें आगे बढ़ने में मदद करती है."

समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, डॉ. अभय सिन्हा, डायरेक्टर जनरल, द सर्विसेज एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार भारत के कुल सेवा निर्यात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसकी कीमत लगभग 350 बिलियन डॉलर है.

उनका मानना था कि तालमेल विकसित करने और भारतीय व्यवसायों के लिए अमेरिकी बाजार में सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्रों में अवसर पैदा करने के लिए निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए.

डॉ. ललित भसीन, समिट चेयरमैन और पूर्व नेशनल प्रेसिडेंट, इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पिछले सप्ताह दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का हवाला देते हुए कहा कि मजबूत द्विपक्षीय सहयोग और आपसी समर्थन का अंदाजा दोनों देशों के बीच हुए समझौतों की संख्या पर मीडिया रिपोर्टों से लगाया जा सकता है, जो संबंधों को निरंतर मजबूत बनाना सुनिश्चित करते हैं.

डॉ. भसीन ने कहा, "नवंबर (अमेरिका) चुनाव में चाहे कोई भी जीत जाए, भारत-अमेरिका चुनाव और मजबूत होता जाएगा."

अवशीश कुमार अवस्थी, आईएएस (सेवानिवृत्त), सलाहकार, मुख्यमंत्री-उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि यह राज्य कानून के शासन के मजबूत कार्यान्वयन के साथ देश में सबसे अच्छे कारोबारी माहौल में से एक प्रदान करता है. उत्तर प्रदेश में वैश्विक निवेशकों को आमंत्रित करते हुए अवस्थी ने कहा कि यह एक स्पष्ट और आकर्षक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) नीति के साथ सबसे अधिक निवेशक-अनुकूल राज्यों में से एक है.

उद्घाटन सत्र में अन्य वक्ताओं में डॉ. अतुल चौहान, रीजनल काउंसिल मैंबर, आईएसीसी और चांसलर, एमिटी यूनिवर्सिटी शामिल थे; डॉ. उपासना अरोड़ा, एग्जीक्यूटिव काउंसिल मेंबर, आईएसीसी और प्रबंध निदेशक, यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स और श्री अशोक चतुर्वेदी, चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, यूफ्लेक्स लिमिटेड शामिल थे.

सत्र के दौरान, 8वें बिजनेस लीडरशिप अवॉर्ड्स भी प्रदान किए गए, जिसमें रेडिको खेतान लिमिटेड के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डॉ. ललित खेतान को 'बिजनेस लीडर ऑफ द सेंचुरी' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. अन्य अवॉर्ड विजेताओं में सुनंदा सिंघानिया, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, पीएसआरआई हॉस्पिटल (हेल्थकेयर सेक्टर में बिजनेस एक्सीलेंस अवॉर्ड), अशोक चतुर्वेदी, चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, यूफ्लेक्स ग्रुप (लीडर ऑफ द डेकेड) शामिल हैं.

English Summary: India-US joint efforts to tackle climate change will help create new green jobs - Jorgan K. Andrews Published on: 24 September 2024, 06:15 PM IST

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