आने वाल चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागत के मुकाबले डेढ़ गुना बढ़ाकर किसानों को बडी सौगात दी है।
खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान के एमएसपी में पिछले साल के मुकाबले 200 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धी की है जबकि प्रमुख दलहन मूंग का मूल्य 1400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। खरीफ की सभी 14 फसलों की लागत में कम से कम 50 प्रतिशत का मुनाफा सुनिशिचित कर एमएसपी घोषित किया गया है। यह एतिहासिक निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति की बैठक में बुधवार को लिया गया इस फैसले से सरकारी खज़ाने पर 15000 करोड़ रुपए तक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
विपक्ष की और से हवा दिये जा रहे खेत और किसान के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह बड़ा निर्णय लेकर बेवज़ह विरोध की कोशिशों पर पानी फेर दिया राजनाथ सिंह ने मीड़ीयी रिपोर्टस को दिये।अपने बयान में बताया की फसलों की लागत का आंकलन कृषि लागत व मूल्य आयोग ने किया जिसके आधार पर सरकार ने समर्थन मूल्य को ड़ेढं गुना किया धान का लागत मूल्य 1166 रुपये तक किया गया जिसके आधार पर समर्थन मूल्य 1750 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया
यह पिछले वर्ष के 1550 रुपये के मुकाबले 200 रुपये अधिक है। धान की एमएसपी ने यह अब तक की सबसे बडी बढोतरी है। इससे पूर्व 2012-13 में एमएसपी 170 रुपये बढ़ाया गया था। पिछले साल कार्यकाल में धान का एमएसपी 50-80 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाया गया था वहीं ज्वार की लागत 1619 रुपये तय की गई तो एमएसपी 2340 रुपये घोषित किया गया, लेकिन बाज़रा की लागत 990 रुपये है तो इसकी एमएसपी 1950 रुपये तय की गई पिछले वर्ष इसका एमएसपी 1425 रुपये प्रति क्विंटल था।
दलहन फसलों में मूंग के एमएसपी में रिकॉर्ड़ 1400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की गई है। इसका मूल्य पिछले वर्ष 5575 रुपये प्रति क्विटंल के मुकाबले 6975 रुपये कर दिया गया है। तिलहन में सूरजमुखी का मूल्य 4100 रुपये प्रति क्विंटल से 1288 रुपये बढ़कार 5388 रुपये कर दिया गया है। तिल का एमएसपी 5300 रुपये से 949 रुपये बढ़ाकर 6249 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। जबकि राम तिल के एमएसपी में सबले ज्यादा 1827 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धी करते हुए 5877 रुपये कर दिया गया। पिछले वर्ष 4050 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य था।
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