सवाई माधोपुर में किसानो की समस्याएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं. खरीफ की फसल अतिवृष्टि से खराब हो गई उसके बाद गिदावरी भी नहीं हुई जिससे मुवाबजा भी नहीं मिल पाया. अब तो सरकार ने रबी सीजन में डीएपी-पोटाश की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर किसानों के लिए और मुश्किल बढ़ा दी.
आप को बता दें की पांच महीने पहले डीएपी 50 किलो बोरी की कीमत 1250 रुपए थी जो अब बढ़कर 1450 हो चुकी है. पांच महीने में डीएपी खाद की कीमत में 200 रूपये की बृद्धि हुई है. इसी तरह से 50 किलो पोटाश की कीमत 700 से बढ़कर 850 हो गई. कृषि विशेषज्ञों की सलाह माने तो कमजोर फसलों में तत्काल अच्छी पैदावार के लिए किसानों के सामने एकमात्र डीएपी व पोटाश ही अच्छा विकल्प होता हैं. खादों की बढ़ती कीमतों से नुकसान यह होगा की कृषि में पैदावार घटेगी और साथ ही इन पर वित्तीय भार भी ज्यादा आ जाएगा.
रवि की फसल के लिए डीएपी महत्वपूर्ण उर्बरक है. कभी-कभी तो इसकी कमी से समस्या बहुत बढ़ जाती है. आप को बता दें की इस बार जिले में 54 हजार 110 मीट्रिक टन यूरिया, 17 हजार 790 डीएपी व 15 हजार 500 मिट्रिक टन सिंगल सुपर फॉस्फेट खाद लक्ष्य रखा गया है. खेती जगत के अधिकारियों का कहना है कि महंगाई बढ़ने के कारण डीएपी व पोटाश के निर्माताओं ने इनके दामों को भी बढ़ा दिया है.
पौधे की जड़ों के अच्छे विकास के लिए,रोगों के प्रकोप को कम करने के लिए, फसल को समय पर पकने के लिए और उत्त्पादन को 30 से 50 फीसदी ज्यादा बढ़ाने के लिए इन खादों का प्रयोग करना बहुत जरूरी है. इतना ही नहीं उर्वरक पौधों के बचाव और मिटटी के संरक्षण के साथ आनाज के दाने को बढ़ाने और चमक को भी निखारने का भी काम करता है.
डीएपी-पोटाश की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही किसान संगठनों में रोष है. किसानों ने बताया कि सरकार ने डीएपी खाद की दरों में बढ़ोतरी कर किसानों के साथ फिर छलावा किया है.
डाटा
6 जून में डीएपी खाद की दर-1250 रुपए
6 अक्टूबर में नए डीएपी खाद की दर-1450 रुपए
6 जून में पोटाश की दर-700 रुपए
6 अक्टूबर में नए पोटाश की दर-850 रुपए
प्रभाकर मिश्र, कृषि जागरण
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