सीएसआईआर मुख्यालय, नई दिल्ली में डॉ. शेखर सी. मांडे, महानिदेशक, सीएसआईआर व सचिव, डीएसआइआर, भारत सरकार ने पिछले सप्ताह कोविड-19 (ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटिंग) से लड़ने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकियों के संकलन का लोकार्पण किया जो नेशनल रिसर्च डिवेलपमेंट कारपोरेशन (एनआरडीसी) द्वारा तैयार किया गया है. इस संकलन में कोविड-19 से जुड़ी 200 भारतीय प्रौद्योगिकियों, वर्तमान अनुसंधान गतिविधियों, व्यावसायीकरण के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकियों, भारत सरकार द्वारा की गई पहल और प्रयासों के बारे में जानकारियां शामिल है, जिनका वर्गीकरण ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटिंग -3 टी- के अंतर्गत किया गया है. इनमें से अधिकांश प्रौद्योगिकियां परीक्षण की कसौटी पर खरी उतरी हैं और उत्पाद को तेजी से बाजार में प्रस्तुत करने में उद्यमियों को मदद कर सकती हैं क्योंकि उन्हें नवीन रूप में फिर से स्थापित करने की आवश्यकता नहीं है.
डॉ. मांडे ने कोविड -19 से लड़ने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकियों का संकलन तैयार करने के लिए एनआरडीसी की पहल की सराहना की और कहा कि यह संकलन समसामयिक है और इससे सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों, स्टार्टअप्स और व्यापक स्तर पर आम जनता को बड़े पैमाने पर लाभ होगा. डॉ. एच. पुरुषोत्तम, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनआरडीसी ने बताया कि टीम-एनआरडीसी ने सभी हितधारकों के लाभ के लिए कोविड-19 से लड़ने के लिए सबसे प्रासंगिक और उभरते हुए स्वदेशी रूप से विकसित तकनीकी नवाचारों को संकलित करने का प्रयास किया है. यह संकलन नीति निर्माताओं, उद्योगों, उद्यमियों, स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमियों, शोध छात्रों, वैज्ञानिकों और अन्य लोगों के लिए एक तैयार-संदर्भ के रूप में काम करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि संकलित कई प्रौद्योगिकियां भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) द्वारा अनुमोदित हैं.
इस संकलन में प्रस्तुत जानकारियां भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन, विज्ञान और इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड और अनेक शैक्षणिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, स्टार्टअप इंडिया और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, चित्रा तिरुनाल आयुर्विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय विज्ञान संस्थानों आदि से प्राप्त की गई हैं. प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित अन्य जानकारियों के लिए [email protected] से संपर्क किया जा सकता है.
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