देश में सरकारी विभिन्न योजनाओं के तहत जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऐसा माना जाता है कि जैविक खेती किसानों की आय से लेकर लोगों की सेहत तक के लिए बहुत अच्छी होती है. सरकार के अलावा कृषि विभाग भी अपनी ओर से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास कर रहा है.
वैसे तो जैविक खेती देश के सभी राज्यों में की जाती है, लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश में मेरठ के बिजनौर (Bijnor )में इन दिनों जैविक खेती को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है.
जिले में नमामि गंगे परियोजना (Namami Gange Project) के तहत गंगा किनारे करीब 45 गांवों में 1234 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैविक विधि से विभिन्न खेती कराई जा रही है. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन उत्पादित सामान की बिक्री को प्लेटफार्म उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
वहीँ बेटियों के लिए मुफ्त में शिक्षा दी जाने वाली संस्था कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय व छात्रावास (Kasturba Gandhi Residential Girls School And Hostel ) आदि में भी जैविक खेती को को बढ़ावा दिया जा रहा है. इन विद्यालय में छात्राओं से जैविक उत्पादों का विक्रय कराने के साथ - साथ ही जैविक उत्पादों का प्राथमिकता के आधार पर उन्हें उपयोग कराए जाएंगे, ताकि बेटियों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहे.
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इसके अलावा कृषि व उद्यान विभाग की ओर से भी किसानों को विभिन्न कार्यक्रम करके जैविक खेती के गुर सिखाएं जा रहे हैं. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जैविक खेती करने का प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. जिससे किसान कम लागत में अधिक उत्पाद प्राप्त कर अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकें. जैविक खेती से ना सिर्फ पर्यावरण ही स्वच्छ रहता है, बल्कि गंगा का जल भी स्वच्छ रहेगा.
चौपाल द्वारा किया जा रहा जागरूक (Awareness Being Done By Choupal)
इसके अलावा गाँव में चौपाल द्वारा किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इस चौपाल के दौरान कृषि अधिकारियों द्वारा किसानों को रासायनिक खाद व दवाईयों के इस्तेमाल की जगह जैविक खाद, जैविक उर्वरक तथा फसल चक्र बनाने की बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है एवं फसलों में लगने वाले रोग, लक्षण व उपचार के तरीके बताए जाते हैं.
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