अलबत्ता, जब आपकी निगाहें हमारे द्वारा लिखे गई इस शीर्षक पर गई होगी, तो आपके जेहन में बेशुमार सवालों ने शोर मचाना शुरू कर दिया होगा. खैर, इन सवालों की संजीदगी को समझते हुए हम आपके सभी सवालों का जवाब अपनी इस रिपोर्ट के माध्यम से पूरी बेबाकी से देने जा रहे हैं. आखिर, क्यों जब पूरी दुनिया कोरोना के कहर से त्राहि-त्राहि कर रही हैं, तो फिर किसान भाइयों की भला लॉटरी कैसे लग गई? जानने के लिए पढ़िए हमारी यह खास रिपोर्ट...
अभी हाल ही में कृषि मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी किया है. मंत्रालय द्वारा जारी किए ये आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हुए नजर आ रहे हैं कि एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना के कहर की चपेट में आकर आर्थिक बदहाली के दौर से गुजरने की गुंजाइश बनी हुई है, तो वहीं दूसरी तरफ कृषि मंत्रालय ने अपने आंकड़ों के माध्यम से यह साफ तौर पर कह दिया है कि इस बार खरीफ फसलों की अच्छी-खासी पैदावार होगी. वैसे भी विगत वर्ष अच्छी खासी बारिश की वजह से जमीन पर नमी बनी हुई है, जिसके चलते खरीफ फसलों की अच्छी खासी पैदावार होने की उम्मीद है.
जरा डालिए कृषि मंत्रालय के आंकड़ों पर नजर
वहीं, अगर कृषि मंत्रालय के आंकड़ों की बात करें, तो इस वर्ष खरीफ फसलों की बुवाई 16.4 फीसद तक बढ़ी है. इससे पहले खरीफ फसलों की बुवाई में 67.9 फीसद की बढ़ोतरी हुई थी. इतना ही नहीं, विगत वर्ष हुई भारी बारिश ने फसलों की पैदावार की संभावना को और आगे बढ़ा दिया है. जलाशय भी 21 फीसद तक बढे हुए हैं. इसके साथ ही पिछले साल के मुकाबले इस साल दाल का रकबा भी 51 फीसद तक बढ़ा है. इस वर्ष दाल की बुवाई 8.68 लाख रूपए हेक्टेयर तक रही है, जबकि धान की बुवाई 38.80 लाख हेक्टेयर तक रही है.
इन राज्यों में खरीफ फसलों की पैदवार होगी अच्छी
इसके साथ ही हम आपको कुछ ऐसे राज्यों से रूबरू कराने जा रहे हैं, जहां खरीफ फसलों की अच्छी पैदावार होने जा रही है. जैसे, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु में खरीफ फसलों की अच्छी खासी पैदावार होने की संभावना जताई जा रही है. खैर, अब कृषि मंत्रालय के ये आंकड़े कब तक हकीकत में तब्दील हो पाते हैं. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.
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