देश में कृषि का सुधार बहुत आवश्यक है. इसलिए सरकार अलग-अलग तरीके से कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने के प्रयास कर रही है. सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर किया गया. इस कार्यक्रम के मौके पर एनसीडीसी के नाम में परिवर्तन करके लक्ष्मण राव इनामदार राष्ट्रीय सहकारी अनुसन्धान एवं विकास संस्थान कर दिया गया है.इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्री राधामोहन सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, केंद्रीय राज्य मंत्री पंचायती राज, पुरुश्त्तोम रुपाला और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शिरकत की.
इस कार्यक्रम का शुभारम्भ संगठन मन्त्र के साथ किया गया. उसके बाद एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार नायक ने आगंतुको के सामने एनसीडीसी के विषय में बताया कि किस तरीके से एनसीडीसी कार्य करता है. संदीप नायक ने कहा कि इस संस्थान का टर्नओवर अब से पहले 5000 करोड़ था लेकिन पिछले कुछ समय में एनसीडीसी ने काफी तरक्की की है, जिसका फल सबके सामने है इस समय एनसीडीसी का टर्नओवर 20,000 करोड़ रुपए. उन्होंने बताया की यह एक ऐसी संस्था है जो कि देश में सहकारिता को मजबूत करने के लिए छोटे और बड़े दोनों तरीके सहकारी संगठनों को वित्तीय सहायता या श्रृण उपलब्ध कराती है. उसके बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आए हुए सभी गणमान्य लोगो का स्वागत किया उसके बाद उन्होंने बताया कि किस तरीके से सरकार एनसीडीसी के जरिए सहकारी संगठनों को कैसे मजबूत बना रही है. उन्होंने इस लक्ष्मणराव इनामदार के जीवन पर भी थोडा प्रकाश डाला. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का स्वागत करते हुए कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि सरकार देश के सहकारी संगठनों को मजबूत करने के लिए इस तरीके के कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में सहकारी संगठन बहुत कम है, जबकि महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में सहकारी संगठनों की संख्या अधिक है. जिससे की वो बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं. खट्टर ने कहा कि उत्तर भारत में सहकारिता को बढ़ावा दिए जाने की सख्त आवश्यकता है.
इसके बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने देश के अलग-अलग प्रान्तों से आये हुए मंत्रीगण, अधिकारीगण और किसानों को संम्बोधित करते हुए लक्ष्मणराव इनामदार के जीवन आधार पर चर्चा करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत कि उसके बाद उन्होंने देश में सहकारिता पर अपने विचार व्यक्त किए मोहन भागवत ने कहा कि देश में सहकारिता का मॉडल बेशक बाहर से आया हो लेकिन देश में सहकारिता पहले से ही चली आ रही है. मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम और सहकार भारती दोनों संस्थाए साथ मिलकर काम करेगी इसके लिए. इसके लिए दोनों संस्थानों ने सहकार 22 के नाम से एक मिशन की शुरुआत की है. इस मिशन की शुरुआत मोदी जी के विचार विज़न को ध्यान रखकर की गयी है. इसके तहत दोनों संस्थाए साथ मिलकर सहकारी संगठनों को तकनीक से जोड़ेगी और इसी के साथ सहकारी संगठनों को और बढ़ाएगी.
इस प्रोजेक्ट के माध्यम से एनसीडीसी सहकारी संगठनों की सेल्स को बढ़ाएगी इसी के साथ किसानों को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोसेसिंग यूनिट और लैब्स के साथ जोड़ेगी. इस समय एनसीडीसी 18 राज्यों के 400 से अधिक जिलों में काम कर रही है. सहकार 22 के तहत एनसीडीसी 222 जिलों में और सहकारी संगठन बनाएगी. इसी के साथ नार्थ ईस्ट के सहकारी संगठनों पर भी ध्यान दिया जाएगा. एनसीडीसी 222 जिलों को ध्यान में रखते हुए कृषि के सहकारी संगठनों की ब्रांडिंग, आईटी, पशु चारा, आधुनिक टेस्टिंग लैब्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ जोड़ेगा. सहकारी संगठनों को अपना किसान रिसोर्स सेंटर में तब्दील कर दिया जायेगा. यह सूचना प्रौद्योगिकी से लैस होगा. जिससे कि कोपरेटिव के सदस्यों को सभी आधुनिक सुविधाए प्रदान की जा सके. इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए एनसीडीसी सहकारी संगठनों को मजबूत बनाकर सहकारिता को बढ़ावा देगी.
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