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स्मार्ट फोन से दूध की मिलावट का पता आईआईटी वैज्ञानिकों ने ढूंढा

नानी के घर जायेंगे दूध मलाई खाएंगे, भारत में ढूध की नदिया बहती हैं. श्वेत क्रांति के जनक डॉ कुरियन ने ऐसा काम किया की भारत में दूध की कोई कमी नहीं रही. लेकिन एक चौंकाने वाली बात है की जितना दूध का उत्पादन हो रहा है उससे अधिक दूध की खपत हो रही है. जाहिर है की असली दूध न हो कर मिलावटी दूध की उपलब्धता है, जिसका पता लगाने के लिए कई तरह की किट बाजार में मिल रही हैं.

नानी के घर जायेंगे दूध मलाई खाएंगे, भारत में ढूध की नदिया बहती हैं. श्वेत क्रांति के जनक डॉ कुरियन ने ऐसा काम किया की भारत में दूध की कोई कमी नहीं रही. लेकिन एक चौंकाने वाली बात है की जितना दूध का उत्पादन हो रहा है उससे अधिक दूध की खपत हो रही है. जाहिर है की असली दूध न हो कर मिलावटी दूध की उपलब्धता है, जिसका पता लगाने के लिए कई तरह की किट बाजार में मिल रही हैं. कृषि विश्वविद्यालय भी ऐसी लैब किट बना रहे है जिससे दूध में मिलावट का पता लगाया जा सके.

क्या आप सोच सकते हैं की जो स्मार्ट फ़ोन आजकल व्हाट्सप्प के मैसेज और ट्विटर के लिए इस्तेमाल हो रहा है वह आपके दूध की मिलावट का पता भी लगा सकता है? जी हाँ यह सच है. हैदराबाद के आई आई टी ने अब स्मार्ट फ़ोन से दूध की मिलवट का पता लगाने में सफलता पाई है.

हैदराबाद में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के अनुसंधानकर्ताओं ने स्मार्टफोन आधारित ऐसी प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली एक संकेतक कागज का इस्तेमाल करके दूध में अम्लता का पता लगाती है जो एसिडिटी (अम्लता) के अनुसार रंग बदलता है। उन्होंने अल्गोरिद्म भी विकसित किया है जिसे स्मार्टफोन से जोड़कर रंग में बदलाव का सही सही विश्लेषण किया जा सकता है।

अनुसंधान दल की अगुवाई कर रहे आईआईटी के प्रोफेसर शिव गोविंद सिंह ने कहा, ‘‘दूध में मिलावट का पता लगाने के लिए क्रोमेटोग्राफी और स्पेक्ट्रोस्कोपी जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इस तरह की तकनीकों के लिए सामान्य रूप से व्यापक व्यवस्था जरूरी होती है और इनमें कम कीमत की आसानी से उपयोग वाले उपकरणों का इस्तेमाल व्यावहारिक नहीं है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘हमें सामान्य उपकरण विकसित करने होंगे जिनका इस्तेमाल ग्राहक दूध में मिलावट का पता लगाने के लिए कर सकें। महंगे उपकरणों की जरूरत के बिना उसी समय इन सभी मानकों पर निगरानी रखके दूध में मिलावट का पता लगाने के तरीके को सुरक्षित बनाया जाना चाहिए।’’ पहले अनुसंधान दल ने पीएच स्तर को मापने के लिए एक सेंसर-चिप आधारित तरीका विकसीत किया था। 

आप अब अपने फोन से न केवल बातचीत बल्कि दूध में मिलावट का भी पता लगा सकते हैं।

चंद्र मोहन, कृषि जागरण

English Summary: IIT scientists find the adulteration of milk from smart phones Published on: 21 November 2018, 04:17 PM IST

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