देश के प्रतिष्ठित विश्विद्यालय आईआईटी कानपुर और सीएसए प्रौद्योगिकी कृषि विश्वविद्यालय के बीच बीते सोमवार एक बैठक हुई जिसमें भारत में खेतीबाड़ी के क्षेत्र में तकनीक को और ज्यादा बढ़ावा देने के लिए कृषि उपकरणों और नई तकनीक इजाद करने की बात रखी गई. इस बैठक का उद्देश्य फसलों की गुणवत्ता, रोगों की निगरानी करना और पैदावार बढ़ाना है.
आईआईटी द्वारा पहले भी की गई हैं ऐसी पहल
जानकारी के लिए आपको बता दें कि तकनीक के क्षेत्र में आईआईटी विश्विद्यालय हमारे देश के सर्वश्रेष्ठ विश्विद्यालय हैं. यह पहली बार नहीं है जब आईआईटी के द्वारा कोई नई तकनीक विकसित करने की बात की गई हो, इससे पहले भी स्वास्थ्य, कृषि तकनीक और रक्षा क्षेत्र में कई काम किए हैं.
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विशेष तौर पर रक्षा क्षेत्र की बात की जाए तो अब तक अत्याधुनिक ड्रोन, जवानों को बर्फीले स्थानों पर गर्म रखने वाली जैकेट, ग्लेशियरों पर ताजे फल और सब्जियां उगाने की तकनीक आदि को विकसित किया जा चुका है. इसके अलावा स्कूल आफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलाजी व सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना भी आईआईटी के सहयोग से कराई जा रही है.
इस प्रकार किया जाएगा उपकरणों को विकसित
आईआईटी के स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के प्रबंधक जतिन मिश्रा ने नई तकनीक को लेकर बात करते हुए बताया कि खेतीबाड़ी को और आसान बनाने के लिए उपकरणों को विकसित करने की कोशिश की जाएगी. इसे लेकर सीएसए विश्वविद्यालय के इन्क्यूबेशन सेल के साथ बात चल रही है. वहीं दूसरी ओर सीएसए विश्वविद्यालय इन्क्यूबेशन सेल के प्रभारी डॉ. विजय यादव ने कहा कि आईआईटी के साथ करार होने के बाद कृषि क्षेत्र में चल रही मौजूदा समस्याओं को चिन्हित किया जाएगा और उसके अनुसार उपकरणों को विकसित जाएगा.
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