केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार की ओर से बहुत सारी योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. केंद्र सरकार ऐसे कार्यक्रमों पर ज़्यादा जोर भी दे रही है, जिनसे खेती-बाड़ी में तरक्की के साथ-साथ नौजवानों को रोजगार के अवसर भी मुहैया हों. इसी कड़ी में विश्व की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारिता संस्था 'इफको' (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) खेती के लिए फर्टिलाइजर बनाने के साथ-साथ युवाओं को रोजगार से भी जोड़ने का काम कर रही है. इसके लिए इफ़को की ओर से 'इफ़को बाजार' योजना शुरू की गई है. इसके अंतर्गत किसानों को उर्वरक, कीटनाशक, बीज, बीमा,मशीनें और खेतीबाड़ी के तमाम औजार एक ही जगह पर मुहैया कराए जा रहे है.
किसान सुविधा कार्ड
इफ़को बाजार से ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोड़ने के लिए किसानों को 'किसान सुविधा कार्ड' दिया जा रहा है. इस कार्ड के द्वारा खरीद करने पर किसानों को लोयल्टी प्वाइंट्स दिए जाते हैं. यह कार्ड जिस किसान के पास होता है उसको खरीददारी के दौरान प्राथमिकता दी जाती है. इसके साथ ही किसान को नए उत्पाद की लॉन्चिंग से पहले जानकारी भी दी जाती है. बता दें कि सुविधा कार्ड के प्वाइंट्स के आधार पर सामान की खरीददारी में छूट भी दी जाती है और इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इफ़को बाजार में स्वास्थ्य केंद्र भी बनाए गए हैं, जहां सुविधा कार्ड धारक किसान की फ्री स्वास्थ्य जांच की जाती है.
कैसे जुड़ सकते है इफ़ेको बाजार से
इफको के वरिष्ठ क्षेत्र प्रबंधक बृजवीर सिंह के मुताबिक, इफ़को का लक्ष्य पूरे देश में 1,000 इफको बाजार केंद्र खोलने का है, जिनमें से करीब 200 केंद्र उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभी तक खोले जा चुके हैं. जिनमें ज्यादा केंद्र निजी स्तर पर खोले गए हैं. बृजवीर सिंह ने आगे बताया कि इफ़को का काम किसानों की सेवा है, मुनाफा कमाना नहीं, इसलिए इफ़को बाजार खोलने का उद्देश्य किसानों से मुनाफा कमाना नहीं है. लेकिन अगर कोई निजी स्तर पर 'इफ़को बाजार सेवा केंद्र' खोलता है तो उसको अलग-अलग उत्पादों की बिक्री पर एक निश्चित कमीशन दिया जाता है. इफ़को बाजार केंद्र से जुड़ने के लिए पहली शर्त यह है कि आवेदक को कृषि अथवा विज्ञान स्नातक होना चाहिए. महिला उद्यमी को प्राथमिकता दी जाएगी.
कितना फीसदी कमिशन मिलेगा
इफ़को अपने उर्वरकों की बिक्री पर विक्रेता को औसतन 3 फीसदी का कमिशन देता है. गौरतलब है कि इफ़को के उर्वरकों की खरीददारी किसानों के द्वारा पूरे साल होती है. जिस जगह पर आलू तथा गन्ने की खेती ज्यादा होती है, वहां इफ़को के उर्वरकों की मांग पूरे साल बनी रहती है. इफ़को के उर्वरकों के अलावा पशु आहार, बीज, कीटनाशक, खरपतवारनाशक, जैव उर्वरक, सागरिका जैसे उत्पादों पर भी इफ़को की ओर से अच्छा कमिशन मिलता है.
विवेक राय, कृषि जागरण
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