
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-IARI), नई दिल्ली ने अपने 120वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया. इस मौके पर संस्थान की कृषि क्षेत्र में अद्वितीय योगदानों को उजागर किया गया, जो 1905 में अपनी स्थापना के बाद से भारतीय कृषि के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं. इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों, वैज्ञानिकों, किसानों और छात्रों ने भाग लिया, जो संस्थान के शोध, नवाचार और सतत कृषि विकास की धरोहर पर चर्चा की.
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, इसके बाद ICAR-IARI के निदेशक डॉ. चंद्रशेखर श्रीनिवास राव ने स्वागत भाषण दिया. उन्होंने संस्थान की शोध, शैक्षिक और विस्तार सेवाओं में महत्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख किया और सार्वजनिक-निजी साझेदारी, प्रौद्योगिकी विकास और पर्यावरणीय स्थिरता में इसके योगदान पर बल दिया.
ICAR के उप महानिदेशक (फसल विज्ञान) डॉ. डी.के. यादव ने ICAR-IARI के कृषि अनुसंधान में अग्रणी योगदान और उसके किसान समुदाय तथा राष्ट्रीय विकास पर प्रभाव की सराहना की. कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण था प्रोफेसर रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोग द्वारा दिया गया स्थापना दिवस भाषण. उन्होंने भारतीय कृषि के सामने उभरते हुए चुनौतियों और अवसरों पर बात की और खाद्य सुरक्षा और स्थिरता के लिए अनुसंधान-आधारित नीतियों की अहमियत को रेखांकित किया.
इस कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया, उसके बाद विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट योगदानों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया:
- कर्मचारियों के बच्चों के लिए शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार
- स्कूल बच्चों और IARI के यूजी एवं पीजी छात्रों के बीच साहित्यिक प्रतियोगिता विजेताओं का सम्मान.
- ICAR-IARI के वैज्ञानिकों, तकनीकी, प्रशासनिक और सहायक कर्मचारियों की असाधारण उपलब्धियों को सराहा गया.
- प्रतिष्ठित वक्ता प्रोफेसर रमेश चंद को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम का समापन ICAR-IARI के संयुक्त निदेशक (विस्तार) डॉ. आर.एन. पदरिया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें उन्होंने सभी dignitaries, आयोजकों और भागीदारों का आभार व्यक्त किया. ICAR-IARI अपने 121वें वर्ष में प्रवेश करते हुए कृषि अनुसंधान में नवाचार, भारत के किसानों की ताकत को मजबूत करने और वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है.
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