भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR-Indian Agricultural Research Institute) ने 1 अप्रैल, 2022 को अपना 117वां स्थापना दिवस मनाया. जिसमें में डॉ. टी. महापात्रा, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (आईसीएआर) समारोह के मुख्य अतिथि थे और साथ ही इस समारोह में डॉ. टी.आर. शर्मा, उप महानिदेशक (फसल विज्ञान) भी शामिल रहे.
आपको बता दें कि इस अवसर की अध्यक्षता पद्म भूषण प्रोफेसर आर बी सिंह ने की, जिसमें डॉ. एचएस गुप्ता, पूर्व डीजी-बीआईएसए और पूर्व निदेशक आईएआरआई, डॉ. एके सिंह, निदेशक, आईसीएआर-आईएआरआई, डॉ रश्मी अग्रवाल, डीन और संयुक्त निदेशक (शिक्षा) और डॉ बीएस तोमर, संयुक्त निदेशक (विस्तार) भी उपस्थित थे. इसके अलावा अन्य अतिथियों में डॉ. केवी प्रभु (अध्यक्ष, पीपीवीएफआरए), डॉ. ए.के सिंह, डीडीजी (एई), डॉ. जेके जेना, डीडीजी (मत्स्य विज्ञान), डॉ. एसके मल्होत्रा, निदेशक, आईसीएआर-डीकेएमए और डॉ. डीके यादव, एडीजी (बीज), भाकृअनुप और IARI के दो पूर्व निदेशक, डॉ. पंजाब सिंह और डॉ. एसए पाटिल वर्चुअल मोड में समारोह में शामिल हुए.
सामाजिक जिम्मेदारी के साथ-साथ विज्ञान को भी बढ़ावा देना (To promote science along with social responsibility)
डॉ. टी. महापात्रा, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (आईसीएआर) ने अपने स्थापना दिवस व्याख्यान के दौरान इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक IARIian को संस्थान का हिस्सा होने पर गर्व होना चाहिए और इस पर संस्थान और राष्ट्र के प्रति अपनेपन और जिम्मेदारी की भावना पैदा करनी चाहिए. डॉ. महापात्र ने उल्लेख किया कि अब तक, हम एक स्थायी खाद्य प्रणाली के उत्पादन पहलू पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, लेकिन हमें प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन, उचित मूल्य और विपणन जैसे उत्पादन के बाद के पहलुओं में अनुसंधान एवं विकास में सुधार करना होगा. टिकाऊ खाद्य उत्पादन प्रणालियों के इन सभी पहलुओं में अनुसंधान और विकास को संबोधित करने में आईएआरआई को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए. IARI हमारे भोजन में रासायनिक पदचिह्न को कम करने के लिए प्रकृति सकारात्मक कृषि और बागवानी उत्पादन प्रणाली की दिशा में काम कर सकता है. उन्होंने सभी को बधाई दी और संस्थान के उज्जवल भविष्य की कामना की. डॉ आरबी सिंह ने कहा कि समाज के हित के लिए हमें सामाजिक जिम्मेदारी के साथ-साथ विज्ञान को भी बढ़ावा देना चाहिए. IARI में सभी को पिछली उपलब्धि से प्रेरणा लेनी चाहिए और संस्थान की महिमा को बनाए रखने के लिए अथक प्रयास करना चाहिए. उन्होंने एक बार फिर संस्थान को इसकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी और इसकी उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं.
इस अवसर पर डॉ. टी आर शर्मा ने भी संस्थान को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी. उन्होंने उल्लेख किया कि वह आईएआरआई को शीर्ष वैश्विक विश्वविद्यालय के साथ खड़ा देखना चाहते हैं. डॉ. एच एस गुप्ता ने देश को खिलाने और विदेशी मुद्रा अर्जित करने पर आईएआरआई (IARI) की सराहना की. उन्होंने कहा कि हमें अपने काम से संतुष्टि प्राप्त करनी चाहिए और अपने काम को किसानों के लाभ के लिए उन्मुख करना चाहिए क्योंकि, हमारे शोध के परिणामस्वरूप, देश के किसान और आम लोग सीधे लाभान्वित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमें बागवानी को मजबूत करना होगा. उन्होंने कृषि अनुसंधान और विकास में किसान के महत्व को बहाल करने के लिए निदेशक आईएआरआई की सराहना की.
विभिन्न फसलों की 35 नई किस्में जारी की (Released 35 new varieties of different crops)
भाकृअनुप-भाकृअनुसं के निदेशक डॉ. एके सिंह ने सभी गणमान्य व्यक्तियों, वैज्ञानिक, तकनीकी अधिकारियों, स्टाफ सदस्यों, अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सभी पूर्व निदेशकों द्वारा विभिन्न बुनियादी ढांचे और वैज्ञानिक सुविधाओं के निर्माण के प्रयासों की सराहना की. निदेशक ने COVID महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले 12 कर्मचारियों के प्रति संवेदना व्यक्त की. निदेशक ने पिछले वर्ष के दौरान संस्थान की विभिन्न उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी. आईसीएआर-आईएआरआई ने वर्ष के दौरान सरदार पटेल उत्कृष्ट आईसीएआर संस्थान पुरस्कार जीता. संस्थान ने विभिन्न फसलों की 35 नई किस्में जारी की हैं जिनमें 2 शाकनाशी प्रतिरोधी बासमती चावल की किस्में शामिल हैं. पूसा डीकंपोजर के 5 लाख एकड़ क्षेत्र में सफल फील्ड ट्रायल के भी सकारात्मक परिणाम मिले. संस्थान ने पुनर्योजी कृषि पद्धतियों और ऑनलाइन बीज वितरण कंपनियों जैसे ई-फार्म और एग्री जंक्शन को बढ़ावा देने के लिए ग्रो इंडिगो के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. वर्ष के दौरान एनएएचईपी परियोजना के तहत डिस्कवरी सेंटर की स्थापना की गई थी.
इस अवसर पर पद्मश्री (Padma Shri) से सम्मानित किसान सेठपाल सिंह ने छोटे जोत वाले किसानों की स्थायी आय के लिए कृषि में फसल विविधीकरण लाने के अपने अनुभव और यात्रा को साझा किया. उन्होंने अनाज, दालें, नकदी फसलें और सब्जियां उगाने के अपने प्रयास को साझा किया. विशेष रूप से जलभराव वाले क्षेत्रों में शाहबलूत उत्पादन. किसान सतीश चंद्र ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदाय के किसानों को विकसित करने के लिए संस्थान के प्रयास की सराहना की.
33 विजेताओं को पुरस्कृत किया (33 winners awarded)
IARI ने एक चावल की किस्म के बीज (rice variety seeds) उत्पादन लाइसेंसिंग अधिकार महिको और नुज़िवेडु सीड्स को दिए. सात, वैज्ञानिक प्रकाशन पोषण III, पोषण IV, रेगिस्तानी टिड्डी जीवन चक्र और प्रबंधन, सब्जी फसल कैलेंडर, स्मार्ट शहरी कृषि प्रौद्योगिकी (Agricultural Technology) पर तकनीकी बुलेटिन जारी किए गए. सात समर्पित श्रमिकों को सर्वश्रेष्ठ श्रमिकों के रूप में सम्मानित किया गया और साथ ही छह प्रगतिशील किसानों को सुविधा प्रदान की गई. स्थापना दिवस के सप्ताह भर चलने वाले उत्सव के दौरान तीन प्रतियोगिताओं- चित्रकला, प्रश्नोत्तरी और भाषण का आयोजन किया गया. जिसमें 12 स्कूलों के 140 विद्यार्थियों ने भाग लिया. विभिन्न प्रतियोगिताओं के 33 विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. डॉ. रश्मि अग्रवाल (डीन और संयुक्त निदेशक-शिक्षा) द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.
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