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हिमाचल के किसान नेकराम पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित, 20 सालों से कर रहे प्राकृतिक खेती

केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में अच्छा काम करने के लिए हिमाचल प्रदेश के किसान नेकराम शर्मा को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया है. दरअसल सरकार ने 25 जनवरी को पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं की सूची का ऐलान किया था.

दिव्यांशु कुमार राव
प्राकृतिक खेती के लिए नेकराम शर्मा को मिला पद्म श्री पुरस्कार
प्राकृतिक खेती के लिए नेकराम शर्मा को मिला पद्म श्री पुरस्कार

Padma Shri Award 2023: केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में बेहतरीन कार्य करने वाले किसानों को समय समय पर सम्मानित करती रहती है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के किसान नेकराम शर्मा को केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की. दरअसल केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या यानि 25 जनवरी शाम को पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची का एलान किया है. जिसके तहत केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में जिला मंडी के तहत करसोग के नांज गांव के नेकराम शर्मा को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करने का एलान किया.

किसान नेकराम शर्मा लगभग बीते 20 सालों से प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए हैं और स्वास्थ्य लाभ के फायदों के लिए  9 अनाजों की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित करने का नेक कार्य कर रहे है. जिसके लिए किसान नेकराम शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा जाएगा.

किसान नेकराम शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार देने के एलान के बाद से ही करसोग क्षेत्र में खुशी की लहर है. सभी लोग नेकराम शर्मा को इस सम्मान के लिए जमकर बधाईयां दे रहे हैं.

बता दें कि करसोग के नांज गांव के मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे नेकराम शर्मा साल 1992 से प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए हैं. इससे पहले नेकराम शर्मा रसायनिक खेती करते थे, लेकिन इसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा था. ऐसे में नेकराम ने दुष्प्रभाव को देखते हुए विषैली खेती को छोड़कर करीब 20 साल पहले 6 बीघा भूमि पर प्राकृतिक खेती की तकनीक से जुड़ने का कदम उठाया. इसके लिए किसान नेकराम ने सोलन में स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के प्रोफेसर डॉ जेपी उपाध्याय से ट्रेनिंग के दौरान प्राकृतिक खेती के गुण सीखें. इसके अतिरिक्त नेकराम शर्मा ने बेंगलुरु में स्थित कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय धारवाड़ से भी प्राकृतिक खेती की तकनीक की जानकारी हासिल की.

प्राकृतिक खेती से जुड़े नेकराम शर्मा ने पूरे हिमाचल प्रदेश में 20 हजार किसानों को खेती के लिए प्रेरित किया है. वो 9 अनाजों की पारंपरिक फसल प्रणाली को पुनर्जीवित करने का बहुमूल्य काम कर रहे हैं. जिसके तहत देश और प्रदेश के विलुप्त होते पारंपरिक अनाज जैसे कागणी, कोदरा, सोक, ज्वार आदि अनाजों सहित मोटे अनाज जैसे देसी मक्की व जौ आदि शामिल है. इसी तरह से नेकराम शर्मा दाल कोलथी की खेती का भी संरक्षण कर रहे हैं. दाल कोलथी न केवल खाने में पौष्टिक है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है. दाल कोथली के अनाज से कैंसर जैसी बीमारियों से मुक्ति मिलती है. आज उसी का ही परिणाम है कि इन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है.

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बता दें कि नेकराम शर्मा का जन्म 1 मई 1964 को करसोग नांज़ गांव में हुआ था, उनके पिता का नाम जालम राम शर्मा और माता कमला देवी हैं. लेकिन दोनों अब इस दुनिया में नहीं हैं. नेकराम शर्मा की पत्नी का नाम कली शर्मा है. उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं, जिनके बेटे का नाम जीतराम शर्मा और बेटियों का नाम सुरेशा और दीपा शर्मा है. नेकराम शर्मा की पत्नी रामकली शर्मा का भी पति की इस उपलब्धि को हासिल करने में बहुत बड़ा योगदान है.

English Summary: Himachal farmer Nekram Sharma honored with Padma Shri award Published on: 27 January 2023, 02:22 PM IST

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