प्राचीन काल से जड़ी-बूटियों का अहम योगदान रहा है. इनकी मदद से कई गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है, या यूं कहें कि जड़ी-बूटियां ही एक ऐसा सहारा हैं, जिनका आज भी दवा में इस्तेमाल करके दवा बनाई जाती हैं.
मगर अब लोग इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं, क्योंकि आजकल लोग अंग्रेजी दवाओं पर ज्यादा विश्वास जताने लगे हैं. इसी कड़ी में एक नई पहल की गई है. दरअसल, सीएसआईआर-एनबीआरआई द्वारा पहला जड़ी-बूटी संग्रहालय स्थापित किया गया है. बता दें कि वनस्पतियों से संबंधित शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की लखनऊ स्थित प्रयोगशाला 'राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान' (एनबीआरआई) देश के अग्रणी संस्थानों की श्रेणी में आता है.
लखनऊ में हैं जड़ी-बूटी संग्रहालय
इस जड़ी-बूटी संग्रहालय को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थापित किया गया है. इस संग्रहालय को सीएसआईआर-एनबीआरआई के फार्माकोग्नॉसी विभाग में स्थापित किया गया है.
बता दें कि इस संग्रहालय में औषधियों के लगभग 2000 ऐसे नमूने प्रदर्शित किए गए हैं, जो आयुष मंत्रालय द्वारा प्रमाणित हैं. इन औषधीय पौधों में कालमेघ, अश्वगंधा, दरुहद्रिका, चिरैयता, मुलेठी, स्वीट कैलेमस आदि शामिल हैं.
इंडिया साइंस वायर के मुताबिक, इस संग्रहालय में औषधीय नमूनों को देशभर से इकट्ठा किया गया है. बता दें कि यह संग्रहालय शोधकर्ताओं के साथ-साथ विभिन्न संस्थानों और छात्रों के लिए काफी उपयोगी है. यहां रखे गए नमूनों से महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं. यह नमूने हर्बल दवाएं विकसित करने में काफी मददगार हैं.
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