हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 4 नवंबर को पलवल में अत्याधुनिक 'धानुका एग्रीटेक रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी सेंटर’ (डार्ट) का उद्घाटन किया. हरियाणा के पलवल में लगभग सवा छह एकड़ (6.24 एकड़) में फैला यह अनुसंधान एवं विकास केंद्र 10 करोड़ रुपये के निवेश से तैयार हुआ है. यह किसान, अनुसंधानकर्ता और अन्य हितधारकों के लिए अनुसंधान आदि उपयोग के लिए उपलब्ध रहेगा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ भारत सरकार के विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, स्थानीय विधायक दीपक मंगला, चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हरियाणा के उपकुलपति डॉ. (प्रो.) बी. आर. कम्बोज और महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर विश्वविद्यालय के उप कुलपति प्रो. समर सिंह व अन्य गणमान्य मेहमान उपस्थित थे.
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा, "धानुका एग्रीटेक रिसर्च एन्ड टेक्नोलॉजी सेंटर किसानों के हित के लिए बनाया गया है और यह समय की मांग के अनुरूप किसानों को नई तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करेगा. अत्यंत हर्ष का विषय है कि धानुका समूह ने इस गांव को गोद लिया है, जिससे स्थानीय किसान निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे. किसानों को गेंहूं और चावल की जगह दूसरी फसलों की खेती भी करनी चाहिए. इसके लिए हरियाणा सरकार धान जैसी ज्यादा पानी वाली फसलों की जगह और अन्य दूसरी फसलों के लिए 7000 रुपये प्रति हेक्टेयर तक की सहायता राशि उपलब्ध करा रही है." सीएम ने आगे कहा- "इसके साथ ही हमें खेती के साथ-साथ दैनिक जीवन के अन्य कार्यकलापों में भी पानी की एक-एक बूंद बचाने की आवश्यकता है"
समारोह में बोलते हुए भारत सरकार के विद्युत् और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा, "पलवल जैसे कृषि प्रधान जिले में धानुका समूह की अनुसंधान प्रोत्साहन की यह पहल निश्चित ही अनुकरणीय है. यह पहल मोदी और मनोहर लाल सरकार के संयुक्त विज़न के अनुरूप है."
इस आरएंडडी सेंटर में ट्रेनिंग सेंटर के अतिरिक्त ऑर्गेनिक सिंथेसिस लैब, एनालिटिकल लैब, सॉइल एंड वाटर एनालिसिस लैब, एग्री आरएंडडी लैब, बॉटनिकल्स लैब, बायो पेस्टिसाइड्स लैब, बायोऐसे लैब, इन्सेक्ट रिअरिंग लैब की भी सुविधा उपलब्ध है.
यह सेंटर भारतीय कृषि क्षेत्र की वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए मूल, प्रायोगिक (एप्लाइड) और अनुकूलक (अडाप्टिव) अनुसंधान करने में सक्षम है.धानुका का आरएंडडी सेंटर आधुनिक विस्तार रणनीतियों के द्वारा कई तरीकों से किसानों को लाभान्वित करेगा. इन तकनीकों का उपयोग कर किसान अपने कृषि उत्पादन को बढ़ा सकेंगे.नया आर एण्ड डी सेंटर कृषि क्षेत्र के शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक अध्ययन करने का अवसर भी देगा. यहां किसान मिट्टी की जांच, पानी की जांच, बायो-पेस्टिसाइड की जांच आदि का लाभ भी उठा सकेंगे.
इस अवसर पर आर जी अग्रवाल, चेयरमैन, धानुका ग्रुप ने कहा, ‘‘हम कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक एवं अनुसंधान आधारित सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रयासरत हैं. हमारा यह नया अनुसंधान केन्द्र इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह सुविधा किसानों एवं शोधकर्ताओं के लिए खुली है, जहां हम आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन और खेती की प्रेसीज़न तकनीकों के द्वारा किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकेंगे. यह केन्द्र नीति निर्माताओं और कृषि वैज्ञानिकों के लिए भी कारगर होगा जो सही सलाह देकर किसानों एवं पूरे कृषि क्षेत्र को लाभान्वित कर सकेंगे.’
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धानुका ग्रुप के बारे में:
धानुका ग्रुप भारत की अग्रणी एग्रो-केमिकल कंपनियों में से एक है और बीएसई एवं एनएसई पर सूचीबद्ध है. कंपनी की 3 मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स गुजरात, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में स्थित हैं. वर्तमान में कंपनी के देश भर में 41 वेयरहाउस और 6,500 डिस्ट्रीब्यूटरों और 80,000 डीलरों का विस्तृत नेटवर्क है. धानुका ने यूएस, जापान और यूरोप सहित दुनिया की अग्रणी एग्रो-केमिकल कंपनियों के साथ साझेदारियां की हैं, जिसके माध्यम से वे भारतीय किसानों तक आधुनिक तकनीकें उपलब्ध कराते हैं. धानुका के स्टाफ में 1000 टेक्नो-कमर्शियल कर्मचारी शामिल हैं, जो कंपनी के आर एण्ड डी विभाग और सशक्त वितरण नेटवर्क के सहयोग से काम करते हुए 1 करोड़ से अधिक भारतीय किसानों को अपने प्रोडक्ट और सेवाएं उपलब्ध कराते हैं.
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