इजराइल खेती में नए प्रय़ोग और तकनिक के इस्तेमाल की वजह से पूरे देश में अपना लोहा मनवा चुका है. खेती में आधुनिक प्रयोग और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए तरह-तरह के प्रयास करता रहता है. वहीं भारत में भी इन दिनों इजराइल में हो रही खेती की काफी सराहना की जा रही है. सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इजराइल से पहले ही कई तरह के समझौते कर चुका है और देश के अलग-अलग राज्यों में किसानों को खेती के गुर सीखने के लिए इजराइल भी भेजा जा रहा है. वहीं कुछ राज्य इजराइल से कई तरह के सहयोग भी बढ़ा रहे हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी इन दिनों विदेश दौरे पर यरूशलेम में हैं. और वो राज्य में कृषि सहित अन्य चीजों में भी सहयोग चाहते हैं. उन्होंने इजरायल के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी चार प्राथमिकताओं का भी उल्लेख किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इजराइल सिर्फ खेती में ही नहीं बल्कि कुछ अन्य क्षेत्रों में भी काफी आगे है और इजराइल के सहयोग के जरिए कृषि क्षेत्र, जल संकट, आंतरिक सुरक्षा, और नवोन्मेष को मजबूती मिलेगी.
रूपाणी ने कहा कि जल संकट से निपटने के लिए त्रिस्तरीय समाधान उपलब्ध है जिसमें इजरायल का अनुभव उपयोगी साबित हो सकता है. उन्होंने कहा , “यदि इजरायल से गुजरात की तुलना करें तो हम बहुत अच्छी स्थिति में हैं. यहां के मुकाबले गुजरात में वर्षा का स्तर बहुत अधिक है. नर्मदा नदी के रूप में हमारे पास बड़ा जल संसाधन है. हमारे पास 1,600 किलोमीटर लंबा समुद्र तट भी है.” आगे मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी पुन: चक्रण करने के लिए भी इजराइल प्रशंसा के पात्र हैं. हम मुश्किल से दो प्रतिशत अपशिष्ट जल का प्रयोग कर पाते हैं वहीं इजराइल अपशिष्ट जल का 100 प्रतिशत पुन : प्रयोग करता है.
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