मानसून सीजन में अच्छी बारिश होने के अनुमान से किसान कुछ खास उत्साहित नहीं दिख रहे है, जबकि बारिश अच्छी हो तो उपज बेहतर होने की उम्मीद होती हैं। मानसून आते ही खरीफ फसलों की बुआई भी शरू हो गयी । दरअसल केंद्र सरकार द्वारा 30 जून से लागू किये जाने वाले वस्तु एवं सेवा कर (GST) मे कीटनाशकों पर 18% GST लगाने की बात तय हुई है जिससे की किसानों की मुसीबतें बढ़ेगी।
जीएसटी की प्रस्तावित व्यवस्था में फसलों की सुरक्षा को बीज,उर्वरक,कृषि उपकरण आदि से अलग कर दिया गया है।बीजों पर टैक्स छूट दी गई है,उर्वरकों और ट्रैक्टर्स पर12पर्सेंट टैक्स लगेगा जबकि फसलों की सुरक्षा में काम आने वाले उत्पादों पर18पर्सेंट की दर से टैक्स लगेगा।
भारतीय किसान पहले से ही क़र्ज़ के बोझ तले दबा हुआ है और कई मोर्चो पर बेतहाशा दबाब का सामना कर रहा है टैक्स का बढ़ा बोझ मुसीबत और बढ़ाएगा। यदि उपज की कीमतें किसी भी कारण से बढ़ती है तो उससे पूरे देश को दिक्कत होगी क्योंकि खाने पीने के सामान के दम चढ़ेंगे और इससे आम आदमी भी परेशानी मे पड़ेगा।
इस तरह इन दिक्कतों से बचने का रास्ता यह है कि फसलों की सुरक्षा मे कम आने वाले उत्पादों को GST 18% से घटाकर यथासंभव निचले स्लैब मे कर दिया जाये। इससे किसानों का बोझ भी घटेगा और उनकी मुसीबते भी कम होगी ।
प्रस्तुति – सचिन कुमार झा
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