ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट कोटा-2017 के दूसरे दिन मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की उपस्थिति में कृषि क्षेत्र, कृषि प्रसंस्करण, कृषि विपणन एवं पशुपालन के क्षेत्र में 955 करोड़ 37 लाख रुपये के प्रस्तावित निवेश के कुल 21 एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये। इन एमओयू से 27 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज किसान नई तकनीक से जुड़ने, नवाचारों को अपनाने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं, और इसी का परिणाम है कि ग्राम कोटा में हर रोज करीब 15 हजार से अधिक किसान पूरे उत्साह के साथ शिरकत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एवं निवेशकों को साथ मिलकर किसानों की आशाओं एवं आकांक्षाओं को पूरा करते हुए प्रदेश को समृद्ध बनाना है।
सीएम वसुंधरा राजे ने निवेशकों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे लिए छोटे से छोटा निवेश भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें निवेश की राशि से अधिक प्रदेश के विकास में सहभागिता की भावना झलकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद निवेशकों ने इनसे तालमेल बिठाते हुए विषमताओं को संभावनाओं में बदलने का संकल्प लिया है। उन्होंने इस अवसर पर कृषि विभाग की प्रमुख शासन सचिव नीलकमल दरबारी को निर्देश दिए कि जिन जिलों में निवेश के प्रस्ताव आए हैं वहां के कलक्टरों से बात कर उन्हें निवेशकों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए कहें, ताकि यह निवेश जल्द से जल्द धरातल पर उतर सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर निवेशकों से बातचीत कर उनके निवेश प्रस्तावों के बारे में जानकारी ली और उनका उत्साहवर्धन किय। रॉयल काजू इण्डस्ट्रीज के प्रतिनिधि ने जब उन्हें बताया कि वे काजू उत्पादन क्षेत्र से सैंकड़ों किलोमीटर दूर स्थित सीकर क्षेत्र को काजू प्रोसेसिंग का हब बनाना चाहते हैं। इस पर सीएम राजे ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आप अपने इरादों में कामयाब होंगे।
कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि हम मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के निर्देशानुसार कृषि क्षेत्र में उत्पादन, उत्पादकता, गुणवत्ता, प्रोसेसिंग एवं वेल्यू एडिशन के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर में आयोजित ग्राम-2016 में हुए 4400 करोड़ के 38 एमओयू में से 25 धरातल पर आने लगे हैं। इस अवसर पर विभिन्न जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी, निवेशक कम्पनियों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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